नई दिल्ली: अभी अयोध्या मसला सुलझा नहीं है कि एक और मसला सामने आ गया। दारूल उलूम के मुफ्ती ने कहा बद्रीनाथ तो बदरूद्दीन शाह हैं। यह मुसलमानों का धार्मिक स्थल है। हिन्दुओं को इसे मुसलमानों के हवाले कर देना चाहिए। यह बयान देने वाले महाशय का नाम है मुफ्ती अब्दुल लतीफ। लतीफ मियां सहारनपुर की दारुल उलूम निसवा नाम की संस्था के वाइस चांसलर हैं।
असल में लतीफ मियां को पता चला कि बद्रीनाथ के आसपास उत्तराखंड रक्षा अभियान दल नाम की संस्था कोई अभियान चला रही है। जिसके तहत बद्रीनाथ के आसपास रहने वाले मुसलमानों से कहा जा रहा है कि अगर मुसलमानों को बद्रीनाथ में रहना है तो उन्हें गोमूत्र और गंगाजल पीना पड़ेगा। यह बात सही है या नहीं इसको वैरीफाई किए बगैर लतीफ मियां आग बबूला हो गए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड रक्षा दल अभियान से जुड़े लोग अनपढ़ है उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं हैं। बद्रीनाथ तो मुसलमानों का तीर्थ है। किसी के नाम के आगे नाथ लगाने से वो हिन्दुओं का नहीं हो जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तराखंड के चीफ मिनिस्टर से मांग की है कि वो बद्रीनाथ को मुसलमानों के हवाले करें।
मौलाना अब्दुल लतीफ को जवाब दिया हरिद्वार में श्री पंचायती उदासीन अखाडा के महामंडलेश्वर कपिल मुनि ने। कपिल मुनि ने कहा कि बद्रीनाथ धाम तो तब का है जब इस्लाम भी नहीं था। जिसने भी इस तरह की बात कही है उसने जरूर भांग खाकर यह बयान दिया होगा।
वैसे दूसरे पढ़े लिखे मौलाना भी लतीफ मियां की बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।.मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि यह सब बेकार की बातें हैं। पब्लिसिटी के लिए कही गयी हैं। इस तरह के बयान देने वालों को सलाखों के पीछे भेजना चाहिए।
चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने भी इस तरह के बयानों को विकृत सोच का नतीजा बताया। योगी ने कहा कि जिसने भी भावनाओं को भड़काने वाली बात कही है उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।