नयी दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। नाइक आतंक के कथित वित्त पोषण और धन शोधन के मामलों में देश में वांछित है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने आज बताया, मुंबई क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने जाकिर नाइक के पासपोर्ट को वापस लेने के एनआईए के अनुरोध को मंजूरी दे दी है। उन्होंने यहां एक वक्तव्य में कहा कि एनआईए ने तीन बार नाइक को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत जांच में शामिल होने के लिये नोटिस जारी किया था लेकिन वह उसके समक्ष उपस्थित नहीं हुए।
धारा 160 पुलिस अधिकारी को ऐसे किसी भी अधिकारी को तलब करने की शक्ति देती है जो मामले के तथ्यों और परिस्थितियों से परिचित हो। उसके बाद 21 अप्रैल को विशेष एनआईए अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। 15 जून को अदालत ने प्रोक्लेमेशन आदेश जारी किया था जिसमें नाइक से उसके समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा था। वक्तव्य में कहा गया कि नाइक के इन निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर एनआईए ने विदेश मंत्रालय से उनका पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया था।
एनआईए नाइक के खिलाफ आतंक और धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। पड़ोसी देश बांग्लादेश में पकड़े गये आतंकवादियों के यह कहने के बाद कि वे जिहाद छेड़ने की उसकी तकरीरों से प्रेरित थे, वह एक जुलाई 2016 को भारत से फरार हो गया।