नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला देने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सूत्रों का कहना है कि अगले साल 2020 से निर्माण शुरू हो जाएगा। इसके लिए शुभ घड़ी (मुहूर्त) देखी जाएगी। इस समय जिस जगह चबूतरे पर रामलला विराजमान हैं, वहीं बनने जा रहे मंदिर का गर्भगृह होगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ट्रस्ट के जरिए अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन महीने के भीतर ट्रस्ट गठित करने को कहा है। अब इस ट्रस्ट में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर सभी की निगाहें टिकीं हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि जिस तरह से 1951 में गुजरात में बकायदा धार्मिक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया गया, उसी तरह से राम मंदिर बनाने के लिए भी ट्रस्ट गठित होगा। इस ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे संघ परिवार के संगठनों के लोग शामिल हो सकते हैं।