नई दिल्ली। सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए संसद में पास हुए संविधान संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस संविधान संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्च में दायर याचिका में कहा गया है कि यह आरक्षण के मूलभूत ढांचे के साथ छेड़छाड़ है। यह याचिका ‘यूथ फॉर इक्वॉलिटी’ नाम के एक गैर सरकारी संगठन ने दायर की है।
याचिका में इंदिरा साहनी केस में सुनाए गए 9 जजों की बेंच के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि यह संशोधन संविधान के मूलभूत ढांचे के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल मंगलवार को लोकसभा में पास होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। संविधान संशोधन के पक्ष में लोकसभा में 323 मत पड़े थे और विपक्ष में सिर्फ 3 वोट डाले गए थे, वहीं राज्यसभा में इसके पक्ष में 165 वोट डाले गए थे जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे। लेकिन राज्यसभा में पास होने के कुछ घंटे बाद ही इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।