नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि केंद्र सरकार विचार कर रही है कि जो लोग कोरोना से सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं उन्हें जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी में कोरोना वैक्सीन दे दी जाए। डॉ हर्षवर्धन ने रविवार को संडे संवाद कार्यक्रम में यह बयान दिया है। संवाद के दौरान संतोष कुमार नाम के व्यक्ति ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि जिन लोगों को कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा है उन्हें आपात समय में वैक्सीन के इस्तेमाल कि अनुमति दी जाए।
इसपर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि, भारत सरकार विचार कर रही है, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार में अगर सहमति बनती है तो ऐसे लोग जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है खासकर स्वास्थ्य कर्मी, ज्यादा रिस्क वाली जगहों पर काम करने वाले लोग, वरिष्ठ नागरिक या फिर ऐसे लोग जिनमें इम्युनिटी कमजोर है, उन्हें इमरजेंसी में वैक्सीन के इस्तेमाल की अनमति दी जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सामान्य तौर पर वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में 6-9 महीने का समय लगता है, लेकिन अगर सरकार में सहमति बनी तो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए इस समय सीमा को कम करने का फैसला हो सकता है। हालांकि आपात समय में इस्तेमाल की अनुमति वैक्सीन के सभी सुरक्षा पहलुओं को देखने के बाद ही दी जाएगी।
वैक्सीन सुरक्षित होगी या नहीं इसपर रविवार को संडे संवाद कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक बार वैक्सीन उपलब्ध होगी तो लोगों को भरोसा दिलाने के लिए वे खुद अपने ऊपर इसका इस्तेमाल करने से पीछे नहीं रहेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उम्मीद है कि 2021 की पहली तिमाही तक वैक्सीन ट्रायल के नतीजे उपलब्ध हो जाएंगे, यह भी प्रयास हो रहे हैं कि वैक्सीन का उत्पादन भी साथ साथ होता रहे ताकि वैक्सीन विकसित होने के बाद इसके उत्पादन में समय की बर्बादी न हो।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि मौजूदा समय में भारत में 3 वैक्सीन पर ज्यादा काम हो रहा है और भारत बायोटेक तथा नेशनल इंस्टिट्यट ऑफ वायरोलॉजी जो वैक्सीन बना रहा है वह वैक्सीन इस समय सबसे एडवांस स्टेज में है। भारत बायोटेक जिस कोरोना वैक्सीन को तैयार कर रहा है उसका नाम Covaxin है और उसका तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो चुका है।