Sunday, December 22, 2024
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नकली मुद्रा रैकेट में डी-कंपनी और पाकिस्तानी दूतावास की सांठगांठ का खुलासा, दाऊद का सहयोगी गिरफ्तार

इनमें से एक सहयोगी यूनुस अंसारी को हाल ही में नेपाल पुलिस ने एफआईसीएन मामले में गिरफ्तार किया है। वह काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास से सटे चक्रपथ क्षेत्र में एक छोटा होटल चलाता था।

Reported by: IANS
Published : June 07, 2019 17:44 IST
Dawood Ibrahim
Dawood Ibrahim

नई दिल्ली | नकली भारतीय मुद्रा के नोट(एफआईसीएन) की तस्करी मामले में पाकिस्तान के एक महत्वपूर्ण अधिकारी की भूमिका सामने आई है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस के साथ खुलासा किया है कि भारत में वांछित भगोड़े माफिया डान दाऊद इब्राहिम के सहयोगी काठमांडू में स्थित पाकिस्तानी दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ संपर्क में हैं। इनमें से एक सहयोगी यूनुस अंसारी को हाल ही में नेपाल पुलिस ने एफआईसीएन मामले में गिरफ्तार किया है। वह काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास से सटे चक्रपथ क्षेत्र में एक छोटा होटल चलाता था।

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सूत्रों ने कहा कि अंसारी बंधु (युनूस और नसीम) काठमांडू स्थित पाकिस्तानी दूतावास में धड़ल्ले से आते-जाते थे और कथित रूप से दोनों रक्षा सहयोगी के संपर्क में थे। भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर, काठमांडू पुलिस के एक विशेष दस्ते ने यूनुस अंसारी और तीन पाकिस्तानी नागरिकों को 24 मई को त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया था। 

अंसारी, जो करांची से नेपाल आया था, उसने अपने मूल गंतव्य को छुपाने के लिए पासपोर्ट में कतर का स्टांप लगा रखा था, जहां से 7.67 करोड़ रुपये की नकली भारतीय मुद्रा से भरे चार सूटकेसों को रखा गया था। डी-कंपनी के लोग अपने मूल मार्ग करांची को छुपाने के लिए दोहा से काठमांडू जाने के लिए कतर एयरवेज के विमान में सवार होकर नेपाल आए थे।

सूत्रों ने कहा कि 2000 रुपये के भारतीय नोट की छपाई पाकिस्तान की इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) करांची में एक उच्च सुरक्षा वाले प्रिंटिंग प्रेस में करवाती है, जबकि डी-कंपनी एफआईसीएन के वितरकों में से एक है। समुद्र मार्ग के जरिए बड़ी संख्या में इन नकली मुद्रा की बांग्लादेश में तस्करी की जाती है।पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने पश्चिम बंगाल की सीमा से लेकर हरियाणा के गुरुग्राम में इन नकली नोटों को जब्त किया है। खुफिया ब्यूरो के एक सूत्र ने बताया कि हाल के दिनों में जब्त एफआईसीएन की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। इसके बावजूद यह बाजार में यूवी काउंटरफीट डिटेक्शन डिवाइस की पकड़ में नहीं आने की स्थिति में जगह बना सकती है।

इसके अलावा अब नेपाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार यूनुस अंसारी और नेपाल के तराई क्षेत्र के स्थानीय राजनीतिज्ञ बसरुद्दीन अंसारी भी कथित रूप से डी-कंपनी के संपर्क में था। बसरुद्दीन एक निजी संस्थान नेशनल मेडिकल कॉलेज चलाता है, जो कथित रूप से दाऊद द्वारा वित्तपोषित है।इसके बदले बसरुद्दीन डी-कंपनी को नेपाल सीमा के जरिए भारत में नकली मुद्रा भेजने के लिए अपने सुरक्षित परिसरों को मुहैया कराता था। हालिया मुद्रा जब्ती के बाद, नेपाल सीमा पर तैनात भारतीय अर्धसैनिक बल एसएसबी को अलर्ट कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश-बिहार में सीमा शुल्क(निवारक) इकाई को भी सीमा पर विशेष निगरानी रखने के लिए खासकर भारत में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर नजर रखने के लिए कहा गया है।

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