नयी दिल्ली: कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश किए गए आम बजट को पूरी तरह खोखला करार देते हुए शनिवार को दावा किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर्फ लच्छेदार भाषण दिया और बजट में कुछ ठोस नहीं था। रोजगार शब्द का उल्लेख तक नहीं किया गया। वित्त वर्ष 2020-21 के बजट को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने निशाना साधा। पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने आरोप लगाया कि ढाई घंटे से अधिक समय तक चला बजट भाषण आम लोगों से ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रशंसा पर केंद्रित था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘जब भारत आर्थिक मंदी से घिरा है तो उस समय बजट भाषण आम नागरिक की मदद से ज्यादा प्रधानमंत्री की सराहना पर केंद्रित था।’’
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने वित्त मंत्री पर तंज करते हुए कहा, ‘‘निर्मला जी, पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात जुमला ही निकली? बजट में रोज़गार शब्द का ज़िक्र तक नहीं ? पांच नए स्मार्ट सिटी बनाएंगे। पिछले सौ स्मार्ट सिटी का ज़िक्र तक नहीं!’’ उन्होंने सवाल किया कि ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या बढ़ कैसे गई? पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ''किसानों की आय दोगुना करने का वित्त मंत्री का दावा खोखला है और तथ्यात्मक वास्तविकता से परे है । कृषि विकास दर दो फीसदी हो गयी है। आय दोगुनी करने के लिए कृषि विकास दर को 11 फीसदी रहना होगा।''
उन्होंने दावा किया, ''निर्मला सीतारमण बजट संबंधी गणित को स्पष्ट करने में विफल रही हैं। नवंबर महीने तक जो राजस्व आया है वो बजट आकलन का सिर्फ 45 फीसदी है।'' शर्मा ने वित्त मंत्री पर तंज कसते हुए कहा, ''लच्छेदार भाषा और ऊंची आवाज में बोलना और पुरानी बातें करने का कोई मतलब नहीं।'' कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री को बड़ा जनादेश देकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का मौका दिया गया, लेकिन यह बहुत कमजोर बजट है। इसमें कुछ नया नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था को गति नहीं मिलेगी।’’ गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश किया।