नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मीम अफजल ने गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला करने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत लाने को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा है। मीम अफजल ने कहा कि जब तक केंद्र में मोदी जी की सरकार तबतक नीरव मोदी की वापसी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि नीरव मोदी एक शातिर भगोड़ा है, 14 हजार करोड़ रुपया ले करके वो भारत का बाहर भागा है। आज एक खबर के मुताबिक ऐसा लग रहा है कि जैसे कि बहुत बड़ी कामयाबी भारत सरकार को मिल गई है और वो बहुत जल्द उसको वापस ले आएंगे लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि ये खबर ठीक नहीं है।
मीम अफजल ने आगे कहा कि नीरव मोदी को यकीनन एक अदालत से इतना जरूर कहा गया है कि जो सरकार ने हमारी कागजात दिए थे उसकी सिक्योरिटी को लेकर जेल के अंदर वो ठीक पाए गए हैं उससे मुतमइन हैं और उस पर जो इल्जामात लगाए गए हैं वो किसी हद तक ठीक मालूम होते हैं, लेकिन सरकार ये समझ ले कि अभी नीरव मोदी के पास अभी बहुत सारे ऐसे विकल्प हैं जिनकी तैयारी उसको बहुत पहले से करना चाहिए। अभी वो 28 दिन के बाद वहां की हाईकोर्ट में जा सकता है और वहां की हाईकोर्ट में जाने का मतलब ये है कि वो साल दो साल और तीन साल भी लग सकते हैं।
मीम अफजल ने कहा कि उसके बाद भी उसके पास एक विकल्प ह्यूमन राइट्स की जो अदालत है उसमें जाने का भी है। मुमकिन है वो वोभी उसको भी ट्राई करेगा जाहिर है वो कुछ भी करेगा जाहिर है वो भारत वापस नहीं आना चाहता, मुस्तकिल बहाने बना रहा है। तो मुझे तो लगता है कि जबतक मोदी जी की सरकार है नीरव मोदी का आना उस दौर में मुमकिन मुझे दिखाई नहीं देता है। लेकिन भारत सरकार को बहराल कोशिश करना चाहिए और इस भगोड़े को देश में लाकर दंड दिलाना चाहिए।
PNB घोटाला: यूके कोर्ट का फैसला, नीरव मोदी को भारत किया जाएगा प्रत्यर्पित
हीरा कारोबारी नीरव मोदी मामला सुर्खियों में आने के बाद जनवरी 2018 में भारत छोड़कर फरार हो गया था। इसी के बाद भारत सरकार ने नीरव मोदी को प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। करोड़ों रुपए के पीएनबी घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटिश अदालत से गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। ब्रिटिश अदालत ने भारत की दलीलों को स्वीकार करते हुए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है। ब्रिटिश अदालत ने यह भी कहा कि नीरव मोदी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और वह दोषी साबित हो सकता है। 49 वर्षीय नीरव मोदी के दक्षिण-पश्चिम लंदन स्थित वॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुआ। जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने फैसला सुनाते हुए नीरव मोदी की ओर से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उठाए गए मुद्दों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि नीरव का भारत में प्रत्यर्पण होता है तो उनके साथ अन्याय नहीं होगा। ब्रिटिश अदालत ने कहा कि मुंबई के ऑर्थर रोड जेल का बैरक 12 नीरव मोदी के लिए फिट है। जज ने कहा कि नीरव मोदी को आर्थर रोड जेल में पर्याप्त इलाज और मेंटल हेल्थ केयर की सुविधा दी जाएगी और वहां उसके द्वारा आत्महत्या का कोई जोखिम नहीं है।
नीरव मोदी को प्रत्यर्पण वॉरंट पर 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था
फिलहाल, नीरव मोदी लंदन की एक जेल में बंद है। अदालत के फैसले को इसके बाद ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, नीरव मोदी के पास अभी हाई कोर्ट में अपील का अधिकर है। नीरव मोदी को प्रत्यर्पण वॉरंट पर 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था और प्रत्यर्पण मामले के सिलसिले में हुई कई सुनवाइयों के दौरान वहवॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुआ था। जमानत को लेकर उसके कई प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज हो चुके हैं। क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम है। उसे भारत में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामलों के तहत आपराधिक कार्यवाही का सामना करना होगा। इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं।