नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने एक 6 सदस्यों वाली कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में शामिल सदस्यों कांग्रेस अध्यक्षा की मदद 24 अगस्त को हुई सीडब्लूसी की बैठक के अनुसार संगठन के काम और ऑपरेशनल काम में उनकी मदद करेंगे। इस कमेटी के 6 सदस्यों में सबसे पहला नाम वरिष्ठ पार्टी नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी का है, उनके बाद अहमद पटेल, अंबिका सोनी, के सी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला का नाम है। सभी 6 सदस्यों को राहुल गांधी का करीबी समझा जाता है। पार्टी द्वारा इस लिस्ट में पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद को जगह नहीं दी गई है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी दोनों नेताओं से चिट्ठी प्रकरण के बाद से ही नाराज है। जिसके बाद दोनों कांग्रेस के अन्य नेताओं के निशाने पर थे।
पत्र लिखने वाले कई नेताओं का कद घटा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संगठन में व्यापक बदलाव करते हुए शुक्रवार को अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्गठन किया जिसमें पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को जगह मिली है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, नयी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में 22 सदस्य, 26 स्थायी आमंत्रित सदस्य और नौ विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।संगठन में व्यापक बदलाव करने के साथ कई ऐसे नेताओं का कद कम कर दिया गया है जिन्होंने हाल ही में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इनमें सबसे प्रमुख नाम गुलाम नबी आजाद का है जिन्हें महासचिव पद से मुक्त कर दिया गया है, हालांकि उन्हें सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है। पत्र लिखने वाले वरिष्ठ नेताओं में शामिल मुकुल वासनिक के पास पहले कई राज्यों का प्रभार था, लेकिन अब उनके पास सिर्फ मध्य प्रदेश का प्रभार होगा, हालांकि उन्हें सोनिया गांधी के सहयोग के लिए बनी विशेष समिति में जगह दी गई है।
राजस्थान में पिछले दिनों बागी रुख अख्तियार करने वाले सचिन पायलट को इस फेरबदल में फिलहाल कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। पत्र लिखने वाले नेता मनीष तिवारी को भी फिलहाल कोई जिम्मा नहीं दिया गया है, हालांकि जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया है। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बतौर स्थायी आमंत्रित सदस्य सीडब्ल्यूसी में वापसी की है।
जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद, अविनाश पांडे और प्रमोद तिवारी को भी सीडब्ल्यूसी का स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण का पुनर्गठन किया गया है। इसमें मिस्त्री के अलावा राजेश मिश्रा, कृष्णा गौड़ा, ज्योतिमणि और अरविंदर सिंह लवली को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।