मुंबई: शनिवार सुबह को आनन-फानन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। इसे महाराष्ट्र के सियासी संग्राम में भाजपा की बहुत बड़ी हार की नजर से देखा जा रहा है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि “यह संवैधानिक लोकतंत्र की जीत है। उन्होंने सोचा कि खरीद-फरोख्त के माध्यम से वह सरकार बना सकते हैं। यह न केवल देवेंद्र फडणवीस की विफलता है, बल्कि दिल्ली में बैठे उनके आकाओं के चेहरे पर एक तमाचा भी है।”
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि "आज तीनों (शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा) दलों की बैठक और ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। बैठक में संयुक्त विधायक दल का नेता चुना जाएगा, मुझे लगता है कि उद्धव जी को चुना जाएगा।" वहीं, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि "हमने राज्यपाल से फडणवीस के इस्तीफे को स्वीकार करने और शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का अनुरोध किया है।"
राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने फेसबुक पर लिखा कि "विजय अंततः सत्य की ही होती है। आज संविधान दिवस के मुबारक मौके पर लोकतान्त्रिक मूल्यों की विजय हुई है और महाराष्ट्र की जनता को न्याय मिला है।" गहलोत ने लिखा कि "संविधान दिवस पर यह घटना इतिहास में दर्ज हो गयी है, संविधान की जीत हुई है और भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है। भाजपा ने सत्ता के लिए सारे नियमों को धत्ता बताया और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को तोड़ा मरोड़ा। सत्तारूढ़ पार्टी की अलोकतांत्रिक, अनैतिक कार्रवाई की हार हुई है।"
इससे पहले अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि "उप मुख्यमंत्री पद से अजित पवार के इस्तीफे के बाद हमारे पास बहुमत नहीं है। हमें महसूस हुआ कि हमारे पास संख्या बल नहीं है और हम खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं होना चाहते।" दरअसल, देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के ऐलान ने पहले मंगलवार को ही डिप्टी सीएम के पद से अजित पवार ने भी इस्तीफा दे दिया था। दोनों ने शनिवार सुबह बड़े ही नाटकीय अंदाज में शपथ ली थी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि "महाराष्ट्र में शिवसेना की तुलना में भाजपा के लिए ज्यादा जनादेश था। हमें 105 सीटें मिलीं, हमने सरकार बनाने की कोशिश भी की।" उन्होंने शिवसेना पर हमला बोलते हुए कहा कि "हमने शिवसेना से कभी सीएम पद का वादा नहीं किया था।"फडणवीस ने कहा कि "शिवसेना का हिंदुत्व सोनिया गांधी के चरणों मे नतमस्त हो गया है। मुझे संदेह है कि तीन पहियों की सरकार कैसे चलेगी।"