पटना: बिहार में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोमवार को प्रशंसा करने के साथ ही महागठबंधन में उनकी वापसी का समर्थन किया। कांग्रेस के कुछ विधायकों ने सहयोगी दल राजद के उस कथन कि नीतीश की वापसी नहीं हो सकती, से इतर महागठबंधन में उनकी वापसी का समर्थन किया। कांग्रेस की राज्य इकाई ने अपने विधायकों की उक्त राय को उनकी व्यक्तिगत राय बताते हुए खारिज कर दिया तथा और उन्हें ऐसे मुद्दों पर अनावश्यक बयान देने से बचने को कहा क्योंकि ऐसे में केवल कांग्रेस हाई कमान ही कोई निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं। दूसरी तरफ जदयू ने कांग्रेस के विधायकों को राष्ट्रीय अध्यक्ष के कद को स्वीकार करने के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के उपमुख्यमंत्री पद से जदयू के इस्तीफे की मांग पर राजद पर दबाव न डालकर लंबे समय तक गठबंधन के अवसर को खो दिया।
क्षेत्रीय समाचार चैनलों से आज बात करते हुए कांग्रेस विधायक सुदर्शन कुमार और तैसीफ आलम ने नीतीश को महागठबंधन की जरूरत बताया। सुदर्शन ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में एकमात्र स्वीकार्य मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं और यदि महागठबंधन भाजपा को चुनौती देने के बारे में गंभीर है तो इस मुद्दे पर उसे विचार करना चाहिए। कांग्रेस विधायक पिछले हफ्ते राजद प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे पुत्र और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद के नीतीश की महागठबंधन में वापसी की संभावना को लेकर दिए गए उस बयान कि अब उनके लिए महागठबंधन का दरवाजा बंद हो गया है, के बारे में पूछे जाने पर जवाब दे रहे थे।
अपनी पार्टी के इन विधायकों के उक्त बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है और उन्हें ऐसे मुद्दों जिसे केवल पार्टी हाई कमान द्वारा तय किया जाना है, पर अनावश्यक बयान जारी नहीं करने की सलाह दी है। कादरी ने कहा कि दोनों विधायकों के ये बयान पार्टी की राज्य इकाई के भीतर किसी भी "गड़बड़ी" का संकेत नहीं देते हैं। उन्होंने बिहार में अपनी पार्टी को अटूट बताते हुए तेजस्वी के कथन को सही ठहराते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि नीतीश जी स्वयं भाजपा से नाता तोडकर राजग से अब निकलना चाहते हैं।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद से कांग्रेस विधायकों के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नीतीश जी के कद को स्वीकार करने के लिए कांग्रेस विधायकों को वह धन्यवाद देते हैं लेकिन महागठबंधन में वापसी के प्रति हम रुचि नहीं रखते हैं। प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने नीतीश कुमार के साथ दीर्घकालिक संबंध बनाने का मौका उस समय गंवा दिया था जब हमारे नेता ने आशा व्यक्त की थी कि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर बात करेंगे।