गुवाहाटी. कांग्रेस की असम इकाई के विधायक शर्मन अली अहमद को दारांग जिले में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान ‘भड़काऊ’ टिप्पणी करने के लिए राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को बताया कि अहमद को शनिवार को दिसपुर में उनके विधायक आवास से हिरासत में लिया गया और पूछताछ के लिए पानबाजार पुलिस थाने ले जाया गया जहां बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आज उन्हें अदालत में पेश किया जा सकता है। साथ ही बताया कि भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत उनके खिलाफ एक मामला भी दर्ज किया गया है। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा शाखा भाजयुमो सहित कई संगठनों ने विधायक की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
प्रदेश कांग्रेस ने राज्य में उपचुनाव से पहले “सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ” बयान देने के लिए उन्हें एक नोटिस भी जारी किया और तीन दिन के भीतर जवाब मांगा। अहमद ने ये टिप्पणियां भाजपा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ नेताओं के इस दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए की थी कि दारांग जिले के सिपाझार इलाके में कथित अतिक्रमणकारियों ने असम आंदोलन के दौरान 1983 में आठ लोगों की ''हत्या'' की थी।
अहमद ने कथित तौर पर कहा था कि 1983 के आंदोलन में मारे गए आठ लोग "शहीद नहीं, बल्कि हत्यारे" थे, क्योंकि वे सिपाझार इलाके के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मारने में शामिल थे। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि आठ लोगों पर हुआ "हमला" उस क्षेत्र की मुस्लिम आबादी द्वारा "आत्मरक्षा" का कार्य था। अपने नोटिस में कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि असम आंदोलन की पुरानी घटनाओं के जख्म कुरेदते हुए सांप्रदायिक रूप से की गई भड़काऊ टिप्पणियां असंवेदनशील और नाकाबिले बर्दाश्त हैं।