नई दिल्ली: जल्द ही विपक्ष चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इसे लेकर बेहद गंभीर है। पार्टी ने इशारा किया है कि अगर राज्यसभा में उपराष्ट्रपति द्वारा महाभियोग को खारिज कर दिया जाता है तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है। सोमवार को कांग्रेस सभापति के साथ महाभियोग याचिका दायर करने पर अंतिम फैसला लेगी। खबर है कि कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों के सासंदों महाभियोग के ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर कर दिए है। जल्ह ही इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। पार्टी किसी भी सूरत में इससे पीछे नहीं हटना चाहती चाहे इसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा ही क्यों ना खटखटाना पड़े। कांग्रेस ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है उसके मुताबिक सीजेआई पर चुनिंदा जजों को मनमाने तरीके से केस दिए जाने की बात कही गई है।
अगर यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचता है तो सीजेआई को इस मसले से दूर रखा जाएगा। चूंकि मामले में खुद सीजेआई का नाम है लिहाजा इस पूरी प्रक्रिया से उनको अलग रखा जाएगा। मुख्य न्यायधीश के खिलाफ महाभियोग लाने की खबरों के बीच बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकालत के पेशे से जुड़े सांसदों पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उन जजों के समक्ष पेश होने पर रोक लगा दी है, जिनके खिलाफ वे महाभियोग की मांग कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में सुप्रीम कोर्ट के जज खबरों में बने रहे हैं। जनवरी माह में सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुख्य न्यायधीश के खिलाफ अपनी बात रखी थी। तब से ही विपक्ष में इस महाभियोग के लेकर स्वर उठने शुरू हो गए थे। इस पूरे मसले पर बीजेपी कांग्रेस पर रामजन्म भूमि विवाद पर फैसले आने के डर के चलते ऐसा करना का आरोप लगा रही है।