बेंगलुरु. कांग्रेस नेता सीएम इब्राहिम ने कर्नाटक सरकार से गुजारिश की है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सभी एहतियाती उपायों के साथ राज्य के मुसलमानों को ईद पर मस्जिदों में नमाज़ पढ़ने की इजाजत दी जाए। हालांकि एक वरिष्ठ मंत्री ने इस अपील का यह कहते हुए विरोध किया कि कानून सब के लिए बराबर है।
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को लिखे पत्र में इब्राहिम ने कहा, "पूरे समुदाय की ओर से, मैं यह सुझाव दूंगा कि सरकार सुबह से दोपहर 1 बजे तक 'ईदगाह मैदान' या मस्जिदों में नमाज़ अदा करने की अनुमति देने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह लेकर निर्णय ले, जिसमें सभी एहतियाती उपायों और नियमों का पालन हो।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य में 24 या 25 मई को ईद का त्यौहार मनाया जा सकता है। ईद पर मुस्लिम समुदाय के सदस्य विशेष नमाज़ अदा करते हैं। पत्र पर विधान पार्षद (एमएलसी) एस अब्दुल जब्बार के भी हस्ताक्षर हैं। इस चिट्ठी की ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा और कुछ तबकों ने आलोचना की।
मंत्री ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, "सब को मालूम है कि (पूर्व मुख्यमंत्री) सिद्धरमैया, सीएम इब्राहिम और (पूर्व मंत्री) बीजेड जमीर अहमद खान द्वारा तबलीगी जमात के समर्थन का क्या नतीजा था।" उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री से इब्राहिम के अनुरोध को अस्वीकार करने की अपील करता हूं।"
ईश्वरप्पा ने कहा कि कानून सब के लिए बराबर है। दो दिन पहले कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कोरोना वायरस मुद्दे को दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जोड़ कर सांप्रदायिक रंग देने के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था।