![Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury made controversial...](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने पीएम मोदी के लिए 'गंदी नाली' शब्द का इस्तेमाल किया। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'कहां गंगा मां और कहां गंदी नाली, दोनों की तुलना ठीक नहीं है। ये बात उन्होंने इंदिरा गांधी और पीएम मोदी के संदर्भ में कही, जहां उन्होंने इंदिरा गांधी को मां गंगा की तरह और पीएम मोदी को गंदी नाली की तरह बताया। इसके बाद उन्होंने ये भी कहा कि 'हमारा और मुंह मत खुलवाओ।'
पहले 'गंदे' बोल, फिर मांफी
दरअसल, BJP ने लोकसभा में पहले ये आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने तो एक समय में 'इंदिरा इज इंडिया' जैसा मौहाल बनाया दिया था जिसके जवाब में अधीर रंजन चौधरी मर्यादा ही लांघ गए और पीएम मोदी के लिए 'गंदी नाली' जैसे गंदे शब्द का इस्तेमाल कर बैठे। हालांकि, लोकसभा से बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा कि "मैं खुले आसमान के नीचे माफी मांगता हूं। पीएम को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं बोला था। मेरी हिंदी ठीक नहीं है।"
सवाल भी, आरोप भी
सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों द्वारा ‘2जी मामले’ का उल्लेख करने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि वह सरकार से पूछना चाहते हैं कि अगर भ्रष्टाचार हुआ था तो आपने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जेल में क्यो नहीं डाला? आप लोग सिर्फ बातें करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ‘बड़े सेल्समैन’ हैं और इस चुनाव में उन्होंने अपने उत्पाद को अच्छी तरह बेचा। कांग्रेस अपने उत्पाद को बेचने में विफल रही, यह बात हम स्वीकार करते हैं।
सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच नोकझोंक
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि राजग सरकार को अपनी प्रशंसा सुनने का नशा है और वह अतीत की कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों को स्वीकार नहीं करना चाहती है। उन्होंने प्रताप सारंगी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा में स्वामी विवेकानंद की उपमा दिए जाने पर आपत्ति जताया। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच नोकझोंक की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस पर पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जो शब्द असंसदीय होगा वह रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।
BJP के 'सबका साथ, सबका विकास' पर वार
बहरहाल, चौधरी ने कहा कि अभिभाषण में इतिहास को तोड़मरोड़कर पेश किया गया है और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है। आजादी के बाद रक्षा, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए चौधरी ने कहा कि अगर सरकार अभिभाषण में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का भी जिक्र करती तो यह साबित होता कि वह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के कथन को मानती है।