नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी पर रविवार को सवाल उठाया कि जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें कारोबारियों के साथ खड़े होने में परहेज नहीं है। कांग्रेस ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री जिन कारोबारियों का उल्लेख कर रहे थे क्या वे वह हैं जो कि बैंक घोटाले में आरोपी हैं। मोदी ने उद्योगपतियों को ‘‘चोर, लुटेरा’’ कहने को लेकर आज विपक्षी दलों पर हमला बोला और कहा,‘‘ हम उन लोगों में से नहीं हैं, जो कारोबारियों के साथ खड़े होने या फोटो खिंचवाने से डरते हैं। मोदी ने कहा कि किसान, बैंकर, सरकारी मुलाजिम और मजदूर की तरह ही देश के निर्माण में उद्योगपतियों की भी भूमिका होती है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मोदी पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘सवाल उद्योगपति या कारोबारी का नहीं बल्कि इसको लेकर है कि किस तरह के कारोबारी...जिन लोगों ने बैंकिंग प्रणाली को क्षति पहुंचायी और एंटिगुआ और लंदन चले गए..यदि वह उनके साथ तस्वीर खिंचवाने में सहज हैं तो मैं इसे उनकी बुद्धिमत्ता पर छोड़ता हूं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कारोबारियों के खिलाफ नहीं बल्कि ‘क्रोनी कैप्टेलिज्म’ के खिलाफ है।
मोदी ने लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा, ''जब नीयत साफ हो, इरादे नेक हों तो किसी के साथ खडे होने से दाग नहीं लगते। महात्मा गांधी का जीवन जितना पवित्र था, उनको बिडला के परिवार में जाकर रहने में कभी संकोच नहीं हुआ क्योंकि उनकी नीयत साफ थी।’’उन्होंने कहा कि पब्लिक में नहीं मिलने और पर्दे के पीछे सब कुछ करने वाले लोग डरते हैं। मोदी ने साथ ही चेताया, ''हां जो गलत करेगा, उसे या तो देश छोड़ना पड़ेगा या जेलों में जिंदगी गुजारनी पड़ेगी। ''
तिवारी ने कहा कि मोदी ने महात्मा गांधी का उल्लेख करके राष्ट्रपिता का अपमान किया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस को कारोबारियों को लेकर प्रधानमंत्री से किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस सरकार के 60 वर्षों के दौरान, भारत में औद्योगिक उत्पादन में छह प्रतिशत की कंपाउंड वृद्धि दर दिखी। मई 2018 में यह 3.3 प्रतिशत है...।’’