नयी दिल्ली: देश के विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताने वाले बयान को लेकर गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार करते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी ने मंगलवार को कहा कि शाह को इतिहास को सही ढंग से पढ़ना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भाजपा को चुनौती भी दी कि सत्तारूढ़ पार्टी देश की आजादी में अपने और कांग्रेस के योगदान पर किसी भी समय और किसी भी स्थान पर बहस कर सकती है।
दरअसल, लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस देश के धार्मिक आधार पर बंटवारे के लिए जिम्मेदार है। तिवारी ने संसद भवन परिसर में कहा, ‘‘गृह मंत्री को हमारी सलाह है कि उन्हें इतिहास को सही ढंग से पढ़ना चाहिए।’’ उन्होंने कुछ लेखों और कथनों का हवाला देते हुए दावा किया कि द्विराष्ट्र का सिद्धांत सिर्फ मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा ने दिया था।
कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया, ‘‘हिंदू महासभा और आरएसएस के घनिष्ठ संबंध थे। दूसरी तरफ हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने आजादी से पहले कुछ प्रांतों में गठबंधन की सरकार बनाईं और उनके बीच ऐतिहासिक रिश्ते थे। ये दोनों सरकार बनाने में लगे थे और कांग्रेस के नेता आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे और जेल जा रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को मेरी चुनौती है कि आजादी में अपने और कांग्रेस के योगदान पर बहस कर ले। सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। समय और स्थान का वो खुद चुनाव करे।’’