जयपुर: राजस्थान के टोंक जिले में कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से एक ट्रैक्टर चालक की मौत के खिलाफ दो विधायकों की भूख हड़ताल सोमवार को तीसरे दिन भी जारी रही। इस मामले में सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक व पूर्व पुलिस महानिदेशक हरीश मीणा तथा भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा अनशन पर बैठे हैं।
मामले को सुलझाने के लिए राज्य के खाद्य मंत्री रमेश मीणा सोमवार शाम को टोंक जा रहे हैं। उनका वहां चालक के परिवार वालों से मिलने तथा आंदोलनकारी नेताओं से बातचीत करने का कार्यक्रम है। आंदोलनकारी मांग कर रहे हैं कि चालक के एक परिजन को सरकारी नौकरी और 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए तथा आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हो। इसके साथ वे मामले की सीआईडी जांच की भी मांग कर रहे हैं।
यह घटना पिछले सप्ताह मंगलवार की है जब ट्रैक्टर ट्रॉली चालक भजन लाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। चालक भजन लाल (30) मंगलवार रात कथित तौर पर अवैध रूप से बजरी आदि लेकर जा रहा था। नगर फोर्ट पुलिस थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुरा में पुलिस ने उसका पीछा किया। टोंक के पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट के अनुसार पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो चालक चलते ट्रैक्टर से कूद गया और इससे उसकी मौत हो गई। वहीं परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस वालों ने उसकी पिटाई की जिससे उसकी मौत हुई।
पूर्व पुलिस महानिदेशक और कांग्रेस विधायक हरीश मीणा (देवली उनियारा) बुधवार को धरने पर बैठे जबकि गोपीचंद मीणा (जहाजपुर) भी उनके साथ शामिल हो गए। यह धरना शनिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल गया। धरना नगर फोर्ट, टोंक के अस्पताल में दिया जा रहा है।
भाजपा विधायक गोपीचंद ने कहा, ‘‘सरकार हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही। चालक की हत्या हुई, लेकिन सरकार मामले को लेकर गंभीर नहीं है। हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।' इस बीच खाद्य आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा टोंक के लिए रवाना हो गए हैं। मीणा ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘पहले मैं चालक के परिवार वालों से मिलूंगा। उसके बाद आंदोलनकारी विधायकों से बात करूंगा ताकि मामले को सुलझाया जा सके।’’
चालक के शव को धरनास्थल पर फ्रीजर में रखा गया है जहां लगभग 250-300 लोग धरने पर बैठे हैं।