नई दिल्ली: कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सोमवार को आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक समझौते (आरसीईपी) जैसे मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर सड़क से संसद से संघर्ष करने का फैसला किया। कई विपक्षी दलों की आज यहां संपन्न एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं को बताया कि आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और आरसीईपी पर बैठक में चर्चा हुई जिसमें निर्णय किया गया कि इन मुद्दों पर अगले महीने पूरा विपक्ष मिलकर सरकार को घेरेगा।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से कुछ दिनों पहले हुई इस बैठक में कांग्रेस के अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, रणदीप सुरजेवाला, राजीव शुक्ला, द्रमुक के टी आर बालू, राजद के मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक, माकपा के टीके रंगराजन, भाकपा के डी राजा, राष्ट्रीय लोक दल के अजित सिंह, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव और रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा ने हिस्सा लिया।
समाजवादी पार्टी और बसपा इस बैठक में शामिल नहीं हुए। कांग्रेस इन्हीं मुद्दों को लेकर मंगलवार से जिला एवं प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। अगले महीने वह दिल्ली में बड़ी रैली भी आयोजित करेगी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।