पणजी | टीवी चैनलों पर सितंबर 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो दिखाए जाने के बाद, तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि कांग्रेस को भारतीय सैन्य बलों की कार्रवाई पर संदेह करने की अपनी ‘गलती’ को महसूस करना चाहिए। अब गोवा के मुख्यमंत्री पर्रिकर ने यह बयान ऐसे समय दिया जब ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के वीडियो जारी होने के बीच कांग्रेस ने मोदी सरकार और भाजपा पर इसके राजनीतिकरण का आरोप लगाया। सैन्य बलों द्वारा इन
हमलों के तुरंत बाद, विवादित बयानों के लिए चर्चित कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने पाकिस्तान में नियंत्रण रेखा पर आतंकियों के ‘लांचिंग पैड’ पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के सरकार के दावों की सत्यता पर सवाल उठाए थे। पर्रिकर ने एक निजी चैनल से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें (कांग्रेस) अपनी गलती महसूस करनी चाहिए। मुझे नहीं पता कि माफी इसके लिये सही शब्द है या नहीं। उन्हें राष्ट्रीय हित और सैन्य बलों के मुद्दों पर टिप्पणी करते वक्त बहुत सचेत रहना चाहिए।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस को ‘सर्जिकल स्ट्राइक ’ की सत्यता पर संदेह करने के लिए माफी मांगनी चाहिए, पर्रिकर ने कहा, 'राष्ट्र और सैन्य बलों की कीमत पर बहुत छोटा सा राजनीतिक लाभ हासिल नहीं करना चाहिए। सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सवाल खड़े करके लाभ कमाना दरअसल हमारे सैन्य बलों का निरादर करना है।'
पर्रिकर कुछ समय पहले ही अग्नाशय संबंधी बीमारी का इलाज कराकर अमेरिका से लौटे है
तीन महीने तक अग्नाशय संबंधी बीमारी का इलाज कराने के बाद अमेरिका से लौटे पर्रिकर ने हाल में गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में काम संभाला है। पर्रिकर ने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा, 'यह (सर्जिकल स्ट्राइक) सिर्फ प्रधानमंत्री के नेतृत्व के कारण ही हो सका जो बहुत महत्वपूर्ण था।'
सर्जिकल स्ट्राइक मामले पर कांग्रेस का क्या था बयान?
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पहले की सरकारों के दौरान भी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक और इस तरह की कार्रवाइयों को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि अटल और मनमोहन सरकार के दौरान भी ऐसी कार्रवाइयां हुईं, लेकिन सेना के पराक्रम का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल की इस तरह की बेशर्म कोशिश कभी नहीं की गई।
सुरजेवाला ने कहा, ''एक तरफ मोदी सरकार और भाजपा देश के सैनिकों के बलिदान और सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक फायदा उठाने की हरसंभव कोशिश कर रही है, तो दूसरी तरफ वह पाकिस्तान के खिलाफ एक दृढ़ नीति तथा दिशा प्रदान करने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को रोकने में पूरी तरह असफल रही है।'' उन्होंने कहा, ''मोदी सरकार की विफलता का सबसे बड़ा सबूत यही है कि सितंबर, 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हमारे 146 सैनिक शहीद हुए हैं, पाकिस्तान ने 1,600 से अधिक बार नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का उल्लंघन किया है और 79 आतंकवादी हमले हुए हैं। इन सभी ने सरकार के झूठे दावों की पोल खोल दी है।’’
सर्जिकल स्ट्राइक कर भारतीय सेना ने दिया था पाकिस्तान को करारा जवाब
भारतीय सेना ने 28-29 सितंबर को पाकिस्तानी सेना को ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया था जिसे वह कभी नहीं भूल पाएगी। आतंकियों की ओर से उरी सेक्टर में जवानों पर हुए हमले जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। जिसका बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सरजमीं में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। उस रात सेना ने करीब 12.30 बजे कार्रवाई शुरू की और वह सुबह 4.30 तक चली। LOC के 2 से 3 किमी दायरे में मौजूद आतंकियों के सात ठिकानों को निशाना बनाया गया। नौ पैराकमांडो की पांच क्रैक टीम ने कार्रवाई को सफल बनाया।
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