भोपाल: मध्य प्रदेश में इन दिनों बाबागिरी और नेतागिरी का अजब खेल चल रहा है। शिवराज सरकार में मंत्री नहीं बनने से नाराज होने पर कांग्रेस का हाथ थामने वाले कंप्यूटर बाबा भले ही नदी न्यास समिति के अध्यक्ष बन गए हों, लेकिन अवैध रेत खनन के खिलाफ दौड़ते-दौड़ते कंप्यूटर बाबा रेत के कंकड़ कमलनाथ सरकार की आंखों में ही चुभा रहे हैं। यही वजह है कि कमलनाथ सरकार के खनिज मंत्री, कंप्यूटर बाबा को नेतागिरी छोड़ बाबागिरी करने की नसीहत दे रहे हैं। वहीं, कंप्यूटर बाबा को भी खनिज मंत्री की दाल काली नजर आ रही है।
कंप्यूटर बाबा अक्सर धूनी रमाते दिखाई देते हैं। धूनी के धुंए से कभी शिवराज की आंखों में जलन पैदा कर राज्य मंत्री बने कंप्यूटर बाबा का जब सरकार में मंत्री बनने का ख्वाब पूरा नहीं हुआ तो अधूरा ख्वाब पूरा करने के लिए उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की तपस्या शुरू कर दी। शिवराज के खिलाफ आग उगलने लगे, हार का श्राप भी दिया। कंप्यूटर बाबा की धूनी ना सिर्फ कमलनाथ के लिए बल्कि लोकसभा चुनाव में दिग्विजय के राजयोग के लिए रमाई गई। हठयोग साधना भी की।
साधना का फल भी मिला और बन गए कमलनाथ सरकार में नदी न्यास समिति के अध्यक्ष के तौर पर हिस्सेदार। इस हिस्सेदारी में जिम्मेदारी मिली नर्मदा समेत तमाम नदियों में अवैध खनन को रोकने की। लेकिन, कम्प्यूटर बाबा की इच्छाओं की धूनी का धुआं अब कमलनाथ सरकार की आंखों में भी चुभन दे रहा है। एक तरफ कंप्यूटर बाबा मानते हैं कमलनाथ सरकार अवैध रेत उत्खनन को खत्म कर देगी, दूसरी ओर अपनी ही सरकार के खनिज मंत्री की मंशा को गलत बताते हैं।
इंडिया टीवी से बातचीत में कंप्यूटर बाबा ने कहा कि “कमलानाथ सरकार की मंशा है कि नदियों में अवैध उत्खनन और मशीनें ना चलें, अभी भी अवैध खनन हो रहा है तो हमारा काम है उसे रोकना, कमलनाथ सरकार में भी 80 परसेंट रेत उत्खनन हो रहा है। सरकार जल्दी उसे खत्म कर देगी। खनिज मंत्री हमारे बारे में बोल रहे हैं। मंत्री बुद्धिहीन है और रेत उत्खनन हो रहा है तो हमें मंत्री की मंशा पर लगता है कि दाल में कुछ काला है।” अब कंप्यूटर बाबा ‘नर्मदा युवा सेना’ बनाने जा रहे हैं, जो नर्मदा के साथ-साथ बाकी नदियों से हो रहे अवैध उत्खनन को रोकेगी।
हेलीकॉप्टर और मंत्रालय में दफ्तर की डिमांड करने वाले कंप्यूटर बाबा अब अवैध खनन पर सरकार को ही ‘स्वाहा’ करने पर तुले हैं। ऐसे में खनिज मंत्री ने कंप्यूटर बाबा को नेतागिरी की जगह बाबागिरी करने की सलाह दी है। खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा ‘बाबा अपनी बाबागिरी करें, खनिज मंत्रालय अपना काम कर रहा है।’ वही प्रदीप जायसवाल के इस बयान से अकेले कंप्यूटर बाबा ही नहीं नाराज है बल्कि संतो की सियासत में नए बाबा भी पैदा हुए हैं।
रेबेन का चश्मा लगाकर खुद को रेबेन बाबा कहलाना पसंद करने वाले संत ने कहा कि ‘अगर कहीं रेत उत्खनन हुआ तो हम ईट से ईट बजा देंगे।’ लेकिन, मंत्री की तीखी बातों से ज्यादा तेज कंप्यूटर बाबा की मंशाओं के मंत्रों की ध्वनि है। शायद यही वजह है कि बाबागिरी से नेतागिरी की सीढ़ियां चढ़ते कंप्यूटर बाबा रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। कंप्यूटर बाबा दो दिन से सैंकड़ों साधु संतो के साथ सीहोर के नसरुल्लागंज में नर्मदा तट पर डेरा डाले हुए हैं।
नर्मदा तट पर कंप्यूटर बाबा अब सैकड़ों साधु संतों के साथ हवन और भजन कीर्तन के जरिए ही अवैध खनन को खत्म करने का दावा कर रहे हैं। अवैध खनन रोकने के लिए साधु-संतो की टोली बनाई है, जो दिन-रात, चौबीसों घंटे नर्मदा या दूसरी नदियों के किनारे पहरा देगी। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि प्रशासन भी बाबा के सामने नतमस्तक नजर आने लगा है। वह भी पुण्य आत्माओं और संतों की ऊर्जा से खनन माफिया को खत्म करने की बात करने लगे हैं।
सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा कि 'देखिए लोग चोरी छुपे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की तो कोशिश करते हैं और इसका व्यवसायीकरण भी हो रहा है। लेकिन, जब साधु-संत समाज की बात आती है और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के साथ पुण्य आत्माएं जुड़ती हैं तो जो भी चल रहा है उस पर प्रभावी ढंग से रोक लगेगी।'
ऐसे में जब प्रशासन भी साधु-संतों के भरोसे नजर आयो तो इंडिया टीवी ने साधु-संतो के तामझाम की पड़ताल करने की ठानी। इंडिया टीवी ने जब पंडालों के आसपास लोगों से बात की तो कई बड़े खुलासे हुए। ये भी पता चला कि कैसे अवैध खनन का कारोबार पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे फल-फूल रहा है। कैमरे से बचते हुए लोगों ने दावा किया कि बाबा की मंडली जैसे ही यहां से उठेगी खनन माफिया फिर से रेत उधेड़ना शुरू कर देगा।
लेकिन, अवैध उत्खनन के खिलाफ जंग छेड़ते-छेड़ते कंप्यूटर बाबा की जंग कमलनाथ सरकार के खिलाफ ही छिड़ गई है। मंत्रियों से टकराव चल रहा है। शिवराज की माला जपते-जपते पूर्व में राज्य मंत्री का दर्जा पाने वाले कंप्यूटर बाबा अब जब कमलनाथ सरकार के हवन कुंड में सरकार के खिलाफ आहूति दे रहे हैं। ऐसे में कमलनाथ सरकार के सुर बिगाड़ते कंप्यूटर बाबा को बीजेपी पटलूमार कह रही है। हालांकि, बीजेपी कंप्यूटर बाबा के सरकार पर सवालों को अपने सवालों की तरह देख रही है।
भाजपा के पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कंप्यूटर बाबा कह रहे हैं कि खनन मंत्री की मंशा गलत है तो सरकार को अपने मंत्री को हटाना चाहिए। दरअसल, मध्य प्रदेश में खनन माफिया सालों से अपनी जड़ें मजबूत किए है। इस माफिया ने आईपीएस से लेकर पुलिस प्रशासन के कर्मचारियों और तो और पत्रकार को भी नहीं बक्शा। कमलनाथ सरकार में मंत्री भी मान चुके हैं कि अवैध उत्खनन आज भी हो रहा है। ऐसे में अब देखना होगा कि अवैध रेत खनन पर कंप्यूटर बाबा और कमलनाथ सरकार के मंत्री की ये टकरार कहां तक पहुंची है।