कोच्चि: केरल में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने शनिवार तथा रविवार को 2 दिन का पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने केरल सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए केरल सरकार ने ईद पर ढील दी थी और अब केरल में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बुधवार को कहा था कि, "बकरीद के समय केरल सरकार ने जो ढील दी उसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई थी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कांवड़ यात्रा के मामले में हमने जो फैसला सुनाया है उन हिदायतों का पालन केरल सरकार बकरीद के समय भी करे, लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति जीती और सुप्रीम कोर्ट की हिदायत का केरल सरकार ने पालन नहीं किया, नतीजा 22 हजार केस आज केरल में आए हैं और केरल एक नई लहर की तरफ बढ़ रहा है। यह तुष्टिकरण किस हद तक हमारे राजनेताओं से क्या क्या करा सकता है।"
देशभर में मौजूदा समय में कोरोना वायरस के 4.03 लाख एक्टिव मामले हैं और इनमें 1.5 लाख से ज्यादा मामले अकेले केरल के ही है। पिछले 24 घंटों के दौरान केरल में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों में 4164 की बढ़ोतरी हुई है। देश में रोजाना जितने नए कोरोना मामले सामने आ रहे हैं उनमें लगभग आधे मामले अकेले केरल से ही देखने को मिल रहे हैं।
एक समय देश में कोरोना प्रबंधन के लिए केरल मॉडल को बढ़ाचढ़ाकर बताया जा रहा था और कहा जाता था कि केरल मॉडल के जरिए देश में कोरोना के संक्रमण को काबू में किया जा सकता है। लेकिन मौजूदा समय में देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना का संक्रमण काबू में है लेकिन केरल में जिस रफ्तार से संक्रमण फैला है वह चिंता का विषय है।