औरंगाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को दिए गए संबोधन की सामग्री पर सवाल उठाते हुए शहर के एक वकील ने इसके खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है प्रधानमंत्री के संबोधन की सामग्री संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
वकील रामा विट्ठलराव काले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को संबोधित यह शिकायत एमआईडीसी पुलिस थाने में दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने दलील दी है कि मंगलवार को लाल किले के प्राचीर से दिए अपने 55 मिनट के भाषण में मोदी ने कई बार इंडिया और भारत का 'हिंदुस्तान' के तौर पर जिक्र किया।
काले ने कहा, "संविधान के अनुच्छेद एक के अनुसार, इंडिया या भारत का उल्लेख है। संविधान में कही भी हिंदुस्तान का उल्लेख नहीं है, जो कि देश के धार्मिक नाम को प्रकट करता है।" उन्होंने कहा कि भारत का हिंदुस्तान के तौर पर जिक्र 125 करोड़ भारतीयों व दुनिया भर में भारतीयों का अनादर है। इससे सभी देश भक्त लोगों का अपमान हुआ है।
काले ने कहा है, "भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर इस तरह का गैर जिम्मेदाराना और गलत संदर्भ देना (हिंदुस्तान के तौर), जिसे संविधान में कोई स्थान नहीं दिया गया, साफ तौर पर संविधान का अपमान है और अनुच्छेद एक का उल्लंघन है।"
उन्होंने फडणवीस से अनुरोध किया है कि वह इसे संज्ञान में लेते हुए मोदी के खिलाफ प्रासंगिक धाराओं के तहत व राजद्रोह का मामला दर्ज करें। फडणवीस के पास गृह विभाग का प्रभार भी है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के रूप में यह उनका कर्तव्य है कि वह स्वतंत्रता दिवस के भाषण में अपने संविधान को बनाए रखें और उसकी रक्षा करें। लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे हैं।