जम्मू: कश्मीर में आत्मघाती आतंकी हमले में CRPF के 40 जवानों के शहीद होने के विरोध में बंद के दौरान जम्मू और पुंछ में एक समुदाय विशेष की दुकानों, वाहनों और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। हिंसा के बाद प्रशासन ने जम्मू में कर्फ्यू लगा दिया, जो शनिवार को दूसरे दिन भी जारी है। प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू में पहले कर्फ्यू लगाया और बाद में सुरक्षा की बहाली के लिए सेना की मदद ली। आत्मघाती हमले के विरोध में सैकड़ों युवाओं ने कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया और अनेक वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
जम्मू के जिलाधिकारी रमेश कुमार ने कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे जम्मू में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठी का इस्तेमाल किया। शुरुआत में गुज्जर नगर, तालाब खटिकन, जनीपुर, बख्शी नगर, चेन्नी हिमत, बस स्टैंड और पुराने शहर के कुछ दूसरे इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया और बाद में इसे पूरे शहर में लागू कर दिया गया।
पुंछ जिले में भी हिंसा हुई और वहां भी आला पीर इलाके में एक समुदाय विशेष की दुकानों और वाहनों पर हमले किए गए, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "लोगों को शांति बनाए रखने और असामाजिक तत्वों के हाथों की कठपुतली नहीं बनने की सलाह दी गई है, जो अपने नापाक इरादों के लिए स्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं।" बता दें कि पुलवामा में गुरुवार को आत्मघाती हमले में शहीद 40 CRPF जवानों में से एक की पहचान राज्य के राजौरी जिले के नसीर अहमद के रूप में हुई है।
जम्मू चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (JCCI) ने शुक्रवार को बंद और प्रदर्शन का आह्वान किया था। नेशनल कांफ्रेंस, जम्मू ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन और बार एसोसिएशन ने बंद का समर्थन किया है। स्थानीय व्यापारियों और उद्योगपतियों के प्रभावकारी संगठन JCCI के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा, "मैं समाज के विभिन्न वर्गो के लोगों से परंपरागत सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने की अपील करता हूं।”