नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि राफेल और सुखोई की जोड़ी के आगे पाकिस्तान एलओसी क्रॉस करने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। एयर मार्शल ने कहा कि एक ताकतवर लड़ाकू जहाज़ सुखोई-30 पहले से ही हमारे पास है और राफेल के आ जाने से हमारी ताकत इतनी घातक हो जाएगी कि दुश्मन को चिंता करनी पड़ेगी। इस वक्त फ्रांस के मॉंट-डी-मारसन में भारतीय वायुसेना और फ्रेंच एयरफोर्स के बीच बहुत बड़ा युद्ध अभ्यास चल रहा है।
भारत की तरफ से इसमें सुखोई-30 हिस्सा ले रहे हैं जबकि फ्रांस की तरफ से राफेल विमान इस बड़े युद्ध अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। इस युद्ध अभ्यास का नाम गरुड़ रखा गया है। एयरमार्शल आरकेएस भदौरिया ने खुद राफेल उड़ाया। इस दौरान एयर मार्शल भदौरिया ने बताया कि इस वक्त भारतीय पायलट राफेल की ट्रेनिंग ले रहे हैं और राफेल और सुखोई-3 की जोड़ी देश के किसी भी दुश्मन को सोचने के लिए मजबूर कर देगी।
वाइस एयर चीफ आरकेएस भदौरिया राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद टीम के चेयरमैन रहे हैं और उन्होंने की इसकी बारीकी से जांच की है। भदौरिया ने कहा कि ये विमान दुनिया का बेहतरीन विमान है। इसके आने से भारतीय एयरफोर्स की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। भदौरिया ने कहा कि राफेल और सुखोई की ताकत के आगे पाकिस्तान और चीन अब भारत के खिलाफ कोई नापाक हरकत नहीं कर पाएंगे।
एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा, “राफेल खुद ही बहुत घातक और ताकतवर है। हम इसे केवल सुखोई-30 के साथ ही नहीं बल्कि दूसरे लड़ाकू जहाज़ों के साथ भी उड़ाएंगे लेकिन खासतौर पर सुखोई-30 और राफेल की जोड़ी बहुत ताकतवर होगी। ये सुखोई की अपनी ताकत और राफेल की ताकत से होगा। फिर भले ही वो पाकिस्तान हो या कोई और ये जोड़ी बहुत ताकतवर होगी।“
उन्होंने आगे कहा, “इस ताकत के आगे दुश्मन को चिंता करनी पड़ेगी। पाकिस्तान के मुकाबले हमारी तकनीक बहुत बढ़िया है और जिस ताकत से हम हमला करेंगे वो उन्हें बहुत भारी पड़ेगा। इन हालातों में वो एलओसी क्रॉस करने की हिम्मत नहीं कर पाएंगे।“
बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच 23 सितंबर 2016 को 36 राफेल विमान खरीदने की डील साइन हुई थी। अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदेगा। हालांकि इससे पहले कांग्रेस शासन ने भी फ्रांस से राफेल विमान को लेकर एक डील थी, लेकिन उस डील को रद्द करके यह नई डील की गई है।
हालांकि कांग्रेस इस डील को महंगा बताते हुए बीजेपी पर लगातार हमले करती रही है। कांग्रेस ने कई मौकों पर इस डील को यूपीए सरकार के समय हुई डील से दोगुना महंगा बताते हुए इसे मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया है।