वृन्दावन: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि वह यमुना जल को 2022 तक केवल स्नान योग्य ही नहीं बल्कि आचमन योग्य भी बनाना चाहते हैं। सीएम योगी यहां वृन्दावन में यमुना किनारे करीब 65 हेक्टेयर के दायरे में बनाए गए कुम्भग्राम के सांस्कृतिक मंच से सभा को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने पूर्वाह्न वृन्दावन पहुंचकर सबसे पहले बांकेबिहारी के दर्शन किए।
उन्होंने कहा, ‘‘हम 2022 तक यमुना जल को स्नान योग्य ही नहीं, बल्कि आचमन योग्य बनाना चाहते हैं। हमने नमामि गंगे परियोजना में सबसे प्रदूषित शहर कानपुर में गंगा को सीवरविहीन बना दिया है तो दिल्ली सरकार यह काम क्यों नहीं कर सकती।’’
सीएम योगी ने कहा, ‘‘यदि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार यमुना को अपने यहां शुद्ध कर ले, तो उत्तर प्रदेश में यमुना की स्थिति सुधारने की जिम्मेदारी हमारी है। यमुनोत्री से लेकर प्रयागराज तक यमुना की पूरी यात्रा में यह दिल्ली में ही सर्वाधिक प्रदूषित है।’’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कानपुर में सीवेज के पानी की एक बूंद भी गंगा में नहीं डाली जाती है। कानपुर गंगा के लिए महत्वपूर्ण जगह है। इसी तरह, यमुना नदी के लिए दिल्ली है। अगर कानपुर में गंगा को साफ किया जा सकता है तो दिल्ली सरकार को दिल्ली में यमुना को साफ करना चाहिए।"
मुख्यमंत्री ने यहां 172 करोड़ रुपए की लागत की 47 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं 239 करोड़ रुपए की 48 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनकी कुल लागत 411 करोड़ रुपए है। उन्होंने इससे पूर्व कुम्भ मेला स्थल में संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश ब्रज विकास परिषद की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में विकास परिषद द्वारा अब तक कराए गए विकास कार्यों का अनुमोदन किया गया तथा नए प्रस्तावों और योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
सीएम योगी ने अपने संबोधन में यमुना नदी की निर्मलता बनाए रखने की महत्ता जाहिर करते हुए कहा, ‘‘इससे हम सब की, हमारे पूर्वजों की, भगवान कृष्ण की और वृन्दावन की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इसलिए हमें इसे स्वच्छ और निर्मल बनाने के प्रयास करने चाहिए।’’