चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को कहा कि आठ अप्रैल को राज्य में कोविड-19 हालात की समीक्षा के बाद कड़ी पाबंदियां लगाने का निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अगले सप्ताह तक हालात नहीं सुधरने पर कड़ी पाबंदिया लगाने की चेतावनी दी है। इससे पहले मंगलवार को पंजाब सरकार ने कोविड-19 जांच और टीकाकरण तेज करने का आदेश जारी करते हुए राज्य में दस दिन तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का निर्देश दिया था।
पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में रोजाना वृद्धि देखी जा रही है। हर रोज संक्रमण के दो हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा मृतकों की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है। वहीं, पंजाब में कोविड-19 प्रबंधन को लेकर केंद्र की आलोचना पर आपत्ति जताते हुये अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य में प्रति दस लाख पर जांच दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि यदि केंद्र सरकार ने टीकाकरण प्रक्रिया में देरी नहीं की होती तो स्थिति और बेहतर होती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने यदि 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीकाकरण में शामिल किये जाने के राज्य के आग्रह को मान लिया होता तो मौजूदा स्थिति और बेहतर होती। उन्होंने कहा कि 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीकाकरण में शामिल करने में करीब दो महीने का समय लग गया। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के उस आरोप के जवाब में यह बात कही कि पंजाब ने कोरोना वायरस जांच और संक्रमितों को पृथक-वास में भेजने के मामलों में पर्याप्त प्रयास नहीं किए।
मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा कि उनकी सरकार ने सामाजिक आयोजनों पर कड़ी पाबंदी लगा दी है और सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद कर दिया है। इसके अलावा सर्वाधिक प्रभावित 11 जिलों में रात नौ बजे से सुबह पांच बजे के बीच रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है।