नयी दिल्ली: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में बताया कि देश के प्रधान न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है ताकि मामलों के लंबित होने की अवधि घटायी जा सके। हालांकि कानून मंत्री ने इस प्रश्न का जवाब नहीं दिया कि क्या सरकार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है या नहीं।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने यह प्रस्ताव भेजा है ताकि अधिक समय तक अनुभवी न्यायाधीश उपलब्ध रहें जिससे न्यायाधीश के पदों के भरे रहने की स्थिति बेहतर हो सके और लंबित मामलों की संख्या कम हो।
उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 साल करने के प्रावधान वाला एक संविधान संशोधन विधेयक संप्रग सरकार लोकसभा में लायी थी किंतु यह विचार या मतदान के लिए नहीं आ पाया। प्रसाद ने कहा कि एक जुलाई तक देश के 25 उच्च न्यायालयों में 403 रिक्तियां थीं।