नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर झड़प के दौरान सोमवार को दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल समेत चार लोगों की मौत हो गई। जबकि 37 पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायल पुलिस वालों में DCP वेद प्रकाश शुक्ला और शाहदरा जिले के DCP अमित शर्मा भी शामिल हैं। दंगाइयों ने DCP अमित शर्मा की गाड़ी को भी आग लगा दी।
मृतकों के नाम मोहम्मद फुर्कान (आम नागरिक), शाहिद (आम नागरिक) और रतन लाल (पुलिस कॉन्स्टेबल) है। चौथे मृतक की अभी पहचान नहीं हुई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हेड कांस्टेबल रतन लाल सहायक पुलिस आयुक्त के कार्यालय से जुड़े हुए थे। 42 वर्षीय रतन लाल राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। उन्होंने 1998 में दिल्ली पुलिस ज्वाइन की थी। वह अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चे (दो बेटी और एक बेटा) छोड़ गए हैं
फिलहाल, ऐसी स्थिति के बीच अब हालातों को काबू करने के लिए पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली की 10 जगहों पर धारा 144 लागू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में CRPF की आठ कंपनियां तैनात कर दी गई हैं। इनमें दो रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियां हैं और एक महिला सुरक्षाकर्मियों की कंपनी है। हालातों को काबू करने के लिए दिल्ली के LG अनिल बैजल ने दिल्ली पुलिस को जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देस दिए हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा" दिल्ली पुलिस और सीपी दिल्ली को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित करें कि कानून और व्यवस्था उत्तर पूर्वी दिल्ली में बनी रहे। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मैं सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए संयम बरतने का आग्रह करता हूं।"
वहीं, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने दिल्ली में एंटी-CAA प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा को देखते हुए दिल्ली में हिंसा का षड्यंत्र रचा गया। रेड्डी ने कहा कि गृह मंत्रालय स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जो भी लोग इस हिंस्सा के लिए जिम्मेदार हैं, उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।