Friday, November 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. नागरिकता कानून के विरोध की आग बंगाल तक पहुंची, नॉर्थ-ईस्ट में तनावपूर्ण शांति

नागरिकता कानून के विरोध की आग बंगाल तक पहुंची, नॉर्थ-ईस्ट में तनावपूर्ण शांति

असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में कमी देखी गई जिसके बाद कई इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई, लेकिन इस आंदोलन की आग पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है

Reported by: Bhasha
Updated on: December 14, 2019 0:02 IST
Citizenship Bill- India TV Hindi
Image Source : PTI Citizenship Bill

गुवाहाटी/ नयी दिल्ली/ कोलकाता: असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में कमी देखी गई जिसके बाद कई इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई, लेकिन इस आंदोलन की आग पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है, जहां पर प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की और पुलिस के झड़प हुई। असम के डिब्रूगढ़ और मेघालय की राजधानी शिलांग में लागू कर्फ्यू में ढील दी गई लेकिन पश्चिम बंगाल में इस कथित विभाजनकारी कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मुर्शिदाबाद जिले में स्थित बेलडांगा रेलवे स्टेशन परिसर में आग लगा दी और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) जवानों पर हमला किया।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ मुखर आवाज मानी जाने वाली ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि राज्य में यह कानून लागू नहीं होगा। पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल के बाद मध्यप्रदेश भी संशोधित नागरिकता कानून को लागू करता नहीं दिख रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नयी दिल्ली में कहा कि यह केंद्र सरकार की ‘‘भटकाने की राजनीति’’ का हिस्सा है ताकि लोगों का ध्यान आर्थिक सुस्ती से भटकाया जा सके। कमलनाथ से पूछा गया कि गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मंजूर संशोधित नागरिकता कानून को क्या पश्चिम बंगाल, केरल की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी खारिज करेगी, तो उन्होंने कहा, ‘‘ किसी भी विभाजनकारी कानून पर जो रुख कांग्रेस का होगा, वहीं रुख मध्यप्रदेश सरकार का होगा। कमलनाथ के रुख का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी समर्थन किया।

इस बीच, गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने दिल्ली में कहा कि राज्यों को संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत बने कानून को खारिज करने का अधिकार नहीं है। अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्यों को संघीय सूची में शामिल विषयों पर बनाए गए कानून को लागू करने से इनकार करने का अधिकार नहीं है।’’ बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन और गृहमंत्री असदुज़्ज़मां खान द्वारा गुरुवार को भारत दौरा रद्द करने के बाद 15 से 17 दिसंबर के बीच गुवाहाटी में जापानी प्रधानमंत्री शिन्जो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होने वाले शिखर सम्मेलन को भी स्थगित कर दिया गया।

असम में गुरुवार को हिंसा के केंद्र रहे गुवाहाटी में शुक्रवार को कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, लेकिन ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) और कुछ अन्य संगठनों के आह्वान पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। असम के कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा हवा में गोली चलाने की भी खबर है। नागरिकता (संशोधन) कानून-2019 की वैधता को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय में कुछ नयी याचिकाएं दायर की गई हैं। नयी याचिकाओं को दायर करने वालों में कांग्रेस नेता जयराम रमेश और तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा भी शामिल है।

संशोधित नागरिकता कानून में 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से आने वाले हिंदू, सिख, पारसी, जैन, बौद्ध और सिख समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। अन्य याचिकाकार्ताओं में आसू भी शामिल है। पूर्वोत्तर के राज्यों में सामान्य जनजीवन पटरी पर लौट रहा है लेकिन पश्चिम बंगाल में हावड़ा, मुर्शिदाबाद, बीरभूम, बर्दवान और उत्तरी बंगाल के मुस्लिम बहुल इलाकों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बेलडांगा स्टेशन पर आगजनी की घटना के बाद आरपीएफ के अधिकारी ने बताया, ‘‘ स्टेशन के हिस्से, आरपीएफ की चौकियों और पटरियों को आग के हवाले कर दिया गया जिसकी वजह से यहां रेल सेवा बाधित हुई।’’

अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने बेलडांगा पुलिस थाने में तोड़फोड़ की और मुर्शिदाबाद के रघुनाथगंज पुलिस थाना क्षेत्र में वाहनों में आग लगा दी। अतिरिक्त पुलिस जवानों को प्रभावित इलाके में भेजा गया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति की अपील की है। पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में प्रदर्शन के चलते रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ। बाहरी शांति के बावजूद असम में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ गुस्सा है। उग्रवादी संगठन उल्फा के दोनों धड़ों (सरकार से बातचीत के समर्थक और विरोधी)ने कानून का विरोध किया है।

सरकार से वार्ता के विरोधी उल्फा गुट के नेता परेश बरुआ ने म्यांमा के सुरक्षित पनाहगाह से टीवी चैनल के जरिये कहा, ‘‘ छात्र, केएमएसएस और समाज के सभी लोग बड़ी संख्या में बाहर आए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें दबाने के लिए बल प्रयोग किया गया। अगर यह जारी रहता है तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे और माकूल जवाब देंगे।’’ इससे पहले सरकार से बातचीत के समर्थक गुट अरविंद राजखोआ ने जोर देकर कहा कि इस कानून से असम तबाह हो जाएगा और हम किसी भी कीमत पर इसे लागू नहीं होने देंगे।

ममता बनर्जी ने राजधानी कोलकाता से करीब 200 किलोमीटर दूर समुद्र तटीय शहर दीघा में कहा, हम कभी भी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता कानून को बंगाल में नहीं आने देंगे। हम संशोधित कानून को लागू नहीं करेंगे, भले ही इसे संसद ने पारित किया है। भाजपा राज्यों को इसे लागू करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नागरिकता कानून भारत को विभाजित करेगा। जब तक हम सत्ता में हैं, राज्य के एक भी व्यक्ति को भी देश नहीं छोड़ना पड़ेगा।’’ बनर्जी ने जापानी प्रधानमंत्री शिन्जो आबे की भारत यात्रा रद्द होने का संदर्भ देते हुए इसे देश पर ‘‘धब्बा’’ करार दिया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने नयी दिल्ली में बताया कि दोनों देशों ने शिखर सम्मेलन के लिए भारत यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया और आपसी सहमति से आगली तारीख तय की जाएगी। संशोधित नागरिकता कानून पर आलोचना और असम में हिंसा का सामना कर रहे राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों का गुस्सा शांत कराने की कोशिश करते हुए कहा कि उनकी सरकार असम के मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement