नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच संसद ने बुधवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया।
समर्थन करने वालों का आभार: PM
नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद में पारित होने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत और इसके करुणा तथा भाईचारे के मूल्यों के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि ‘‘विधेयक वर्षों तक पीड़ा झेलने वाले अनेक लोगों के कष्टों को दूर करेगा।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में विधेयक का समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार भी व्यक्त किया।
मुस्लिमों को डरने की जरूरत नहीं: शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूरी तरह से संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है तथा इसमें ‘‘किसी की नागरिकता लेने नहीं, देने’’ का प्रावधान है इसलिए देश के मुस्लिम नागरिकों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। शाह ने कहा कि गृह मंत्री ने कपिल सिब्बल के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि देश का मुसलमान उनसे (भाजपा से) नहीं डरता।
शाह ने कांग्रेस को याद दिलाया पुराना संकल्प
शाह ने कहा, ‘‘हम कभी नहीं कहते कि मुसलमान हमसे डरे। यह तो आप (विपक्ष) हैं जो कहते हैं कि अल्पसंख्यक डरे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि एक गृह मंत्री के तौर पर वह कह सकते हैं कि इस देश के किसी के नागिरक को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एक पुराना संकल्प है जिसमें कहा गया है कि यदि पाकिस्तान का कोई गैर मुस्लिम व्यक्ति प्रताड़ित होकर सीमा पार से यहां आता है तो उसको शरण दी जाए और उसके हितों की सुरक्षा की जाए।
संवैधानिक इतिहास में काला दिन: सोनिया गांधी
हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा कि ''आज भारत के संवैधानिक इतिहास में काला दिन है। नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है।" उन्होंने कहा, ''यह विधेयक उस आइडिया ऑफ इंडिया को बुनियादी तौर पर चुनौती है जिसके लिए हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने लड़ाई लड़ी। अब इसकी जगह अशांत, विकृत और विभाजित भारत बनेगा जहां धर्म राष्ट्रीयता की पहचान होगा।''
पूर्वोत्तर में हिंसक विरोध प्रदर्शन
कैब को संसद द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने के बीच इसे लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर असम के गुवाहाटी में बुधवार को अनिश्चिकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया जबकि त्रिपुरा में असम राइफल्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है। पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों से भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन की खबरें है, लेकिन राज्यसभा में विस्तृत चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक को दो दिन पहले लोकसभा में पारित किया गया था। अब इस विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जरूरत है।
अर्द्धसैनिक बलों के पांच हजार जवान तैनात
केन्द्र ने असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों के पांच हजार जवानों को भी भेजा है। विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी आज असम की सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई और इससे राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि, किसी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद का आह्वान नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं जिनकी सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई।
प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर पर भी विधेयक विरोधी प्रदर्शन किये गये। वहीं दूसरी ओर राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा चल रही थी। कई पार्टियों ने विधेयक का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह प्रस्तावित कानून भारतीय संविधान और देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर एक सीधा हमला है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सूत्रों ने कहा कि वह इस प्रस्तावित कानून के समर्थन में देशभर में अभियान चलायेगा।