नई दिल्ली: लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल के जरिये हम किसी का अधिकार नहीं छीन रहे हैं बल्कि हम लोगों को अधिकार दे रहे हैं। हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल के जरिये हम किसी का अधिकार नहीं छीन रहे हैं बल्कि हम लोगों को अधिकार दे रहे हैं। अमित शाह ने कहा-सन 1947 में जितने भी शरणार्थी आए सबको देश ने स्वीकार किया। मनमोहन सिंह भी जी उसी कैटगरी में आते हैं.. इस देश की विकासयात्रा में योगदान दिया... हम किसी का अधिकार छीन नहीं रहे।
अमित शाह ने कहा- '1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद जितने भी शरणार्थी आए सबको यहां जगह मिली किसी ने विरोध नहीं किया। लंका संकट के समय भी शरणार्थी आए उन्हें भी नागरिकता दी गई किसी ने विरोध नहीं किया। 1984 में असम में राजीव गांधी ने समझौता किया नागरिकता दी गई, किसी ने विरोध नहीं किया।'