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नागरिकता संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी, अब बना कानून

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक (CAB) 2019 को अपनी मंजूरी दे दी है। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह विधेयक एक कानून बन गया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 13, 2019 6:17 IST
Ram Nath Kovind, Ram Nath Kovind CAB, Ram Nath Kovind Signs CAB- India TV Hindi
Citizenship Amendment Act comes into force after getting President Kovind’s assent | PTI File

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक (CAB) 2019 को अपनी मंजूरी दे दी है। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह विधेयक एक कानून बन गया है। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है। आपको बता दें कि लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन हो गया।

इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा। अब ऐसे लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था, और गुरुवार देर रात राष्ट्रपति ने इसे अपनी मंजूरी दे दी।

कानून के मुताबिक इन 6 समुदायों के शरणार्थियों को 5 साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी। ​आपको बता दें कि अभी तक यह समयसीमा 11 साल की थी। कानून के मुताबिक ऐसे शरणार्थियों को गैर-कानून प्रवासी के रूप में पाए जाने पर लगाए गए मुकदमों से भी माफी दी जाएगी। कानून के अनुसार, यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं। इसके साथ ही यह कानून बंगाल पूर्वी सीमा विनियमन, 1873 के तहत अधिसूचित इनर लाइन परमिट (आईएलपी) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगा। आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम में लागू है।

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