16 अक्टूबर 1995: संजय दत्त को कोर्ट से जमानत मिल गई।
जुलाई 2007: टाडा अदालत ने जुलाई 2007 में संजय दत्त को 9 एमएम पिस्टल और AK-56 रखने पर आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया. AK-56 रखने पर कोर्ट ने 6 साल जेल की सजा सुनाई।
2 अगस्त 2007: कोर्ट ने अगस्त 2007 में संजय दत्त को दोबारा हिरासत में लेने का आदेश दिया. इस बार उन्हें पुणे की यरवदा जेल में रखा गया.
20 अगस्त 2007: संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई।
अक्तूबर 2000: सभी अभियोग पक्ष के गवाहों के बयान समाप्त हुए।
अक्तूबर 2001: अभियोग पक्ष ने अपनी दलील समाप्त की।
सितंबर 2003: मामले की सुनवाई समाप्त हुई।
सितंबर 2006: अदालत ने अपने फैसले देने शुरु किए। इस मामले में 123 अभियुक्त हैं जिनमें से 12 को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। इस मामले में 20 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई थी जिनमें से दो की मौत हो चुकी है और उनके वारिस इस मुकदमा लड़ रहे हैं।
इनके अलावा 68 लोगों को उम्र कैद से कम की सज़ा सुनाई गई थी जबकि 23 लोगों को निर्दोष माना गया था।