नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को बुधवार को गिरफ्तारी से 20 अगस्त तक अंतरिम राहत प्रदान की। न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पुरी को जांच में शामिल होने के लिए कहने को स्वतंत्र है। अदालत ने अगले मंगलवार तक पुरी को गिरफ्तारी से राहत प्रदान की। अदालत उस दिन पुरी की उस याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार किये जाने संबंधी निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है।
पुरी के वकील ने दलील दी कि उन्हें सुनवाई की अगली तारीख तक अंतरिम राहत दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें गिरफ्तारी की आशंका है। ईडी ने पुरी की अग्रिम जमानत का पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि निचली अदालत पहले ही नौ अगस्त को उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर चुकी है और वह फरार है तथा मामले की जांच में शामिल नहीं हो रहे है।
इससे पूर्व उच्च न्यायालय ने ईडी से कहा था कि वह, कारोबारी रतुल पुरी को पिछले सप्ताह अग्रिम जमानत देने से इंकार किए जाने के बाद, अगस्ता वेस्टलैंट हेलीकॉप्टर प्रकरण से जुड़े धन शोधन मामले में हुई प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। न्यायालय ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट में ‘‘याचिकाकर्ता (पुरी) की (कथित) धनशोधन में अभी तक पता चली वास्तविक भूमिका के बारे में भी बताया जाना चाहिए।’’ अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय से यह भी पूछा कि वह पुरी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग क्यों कर रही है।