नई दिल्ली। चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना ने गुरुवार (4 फरवरी) को एक और नया कीर्तिमान रच दिया है। रेल इंजन निर्माण कार्य की तेज क्षमता और गति को कायम रखते हुए भारतीय रेलवे के पीयू चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 300 रेल इंजन को केवल 215 दिन में बनाकर उल्लेखनीय कार्य किया है। गौरतलब है कि, पिछले 50 लोको रेल इंजन का निर्माण केवल 27 कार्य दिवसों में किया गया।
वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान कोविड-19 के प्रतिबंधों (राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय लॉकडाउन) के बावजूद चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना द्वारा उचित प्रबंधन और योजनाबद्ध उपाय के माध्यम से रेल इंजन उत्पादन की वृद्धि रफ्तार को स्थिरता के साथ बनाए रखा। चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान मात्र 215 कार्य दिवसों में अबतक 300वें रेलइंजन का उत्पादन कार्य सफलता पूर्वक कर लिया गया। प्रथम 150 रेलइंजन 129 दिनों में एवं इसके पश्चात 150वां रेलइंजन सिर्फ 86 दिनों में तैयार किए गए।
उल्लेखनीय है कि आखिरी 50वां रेल इंजन सिर्फ 27 कार्य दिवसों में जबकि 100 रेलइंजन 62 कार्य दिवसों में तैयार हुए। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 के आरंभिक 100 रेलइंजन, 8 सितंबर 2020 तक 102 कार्य दिवसों में, 200 रेलइंजन 23 नवंबर 2020 तक 159 कार्य दिवसों में चिरेका के कार्य कुशल टीम के द्वारा पहले ही निर्मित किया जा चुका है। जो चितरंजन रेलइंजन कारखाना के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इस उपलब्धि के लिए महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप ने चिरेका परिवार को बधाई दी है।