पटना। रामविलास पासवान पंचतत्व में विलीन हो चुके हैं। पिता रामविलास पासवान की मौत से बेहद दुखी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान उनकी चिता को अग्नि देने के बाद बेसुध होकर गिर पड़े। दिल्ली के एक अस्पताल में पिता रामविलास पासवान के अंतिम सांस लेने के बाद से 37 वर्षीय सांसद काफी टूट चुके हैं। चिराग कर्तव्य निष्ठ बेटे की तरह हमेशा अपने पिता की सेवा में लगे दिखाई दिए। लॉकडाउन के दौरान जब सैलून बंद थे ,चिराग अपने पिता के बाल काटते हुए भी दिखे थे।
पिता राम विलास पासवान के बीमार रहने के दौरान अस्पताल में उनके बिस्तर के पास ही अपना अधिकतर समय गुजारने वाले चिराग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ झंडा बुलंद करते हुए अकेले ही विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने का आश्चर्यजनक निर्णय लिया था। प्रधानमंत्री मोदी जब दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने उनके दिल्ली निवास पर गये ,उस समय भी चिराग अपने आंसू नही रोक पाये।
चिराग शनिवार सुबह उस समय भी बहुत रोए, जब बचपन से ही उन्हें जानने वाले भाजपा सांसद और पूर्व मंत्री रामकृपाल यादव उनके पटना स्थित घर पहुंचे। यादव की भी आंखें भर आईं और दोनों काफी देर तक एक दूसरे को पकड़कर खड़े रहे। गंगा किनारे दिघा घाट पर पिता को मुखाग्नि देने के बाद चिराग बेहोश हो गए लेकिन उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें पकड़ा और वह जमीन पर गिरने से बच गए। परिवार के एक करीबी सूत्र ने कहा, '' वह खतरे से बाहर हैं। शायद मानसिक तनाव और घंटों तक गर्म और उमस भरे मौसम में खड़े रहने के कारण ऐसा हुआ।''