नई दिल्ली. भारत ने चीन के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की है। भारत ने सभी विमान कंपनियों ने से अनौपचारिक रूप से कहा है कि वो किसी भी चीनी नागरिक को देश में न लाएं। अंग्रेजी अखबर टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर में इस बात की जानकारी दी गई। हालांकि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से जब मीडिया ने इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, "यह सुझाव देना गलत है कि किस देश के नागरिक को आना चाहिए। हमारी तरफ से ऐसी कोई सूचना नहीं है।"
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अंग्रेजी अखबर की खबर में कहा गया है कि वर्तमान समय में, भारत और चीन के बीच उड़ानें निलंबित चल रही है लेकिन विदेशी नागरिकों के लिए वर्तमान मानदंडों के अनुसार यात्रा करने के लिए योग्य चीनी नागरिक ऐसे देशों के जरिए भारत में आ रहे हैं जिनका भारत के साथ travel bubble है। चीन नागरिक पहले इन देशों में आते हैं, फिर वहां से भारत के लिए यात्रा करते हैं। पिछले एक हफ्ते में, भारतीय और विदेशी दोनों एयरलाइनों को विशेष रूप से कहा गया है कि वे चीनी नागरिकों को भारत लेकर न आएं।
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फिलहाल भारत में पर्यटक वीजा निलंबित है, लेकिन विदेशियों को काम और गैर-पर्यटक वीजा की कुछ अन्य श्रेणियों में भारत यात्रा करने की अनुमति है। सूत्रों का कहना है कि भारत में आने वाले अधिकांश चीनी नागरिक यूरोप के air bubble देशों के जरिए भारत आ रहे हैं। ऐसा पता चला है कि कुछ विमान कंपनियों ने अधिकारियों से लिखित रूप में कुछ देने को कहा है ताकि वो भारत के लिए फ्लाइट बुक कर चुके चीनी नागरिकों को फ्लाइट में सवार न होने देने की वजह बता सकें।
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नई दिल्ली की प्रतिक्रिया तब आई है जब भारतीय नाविक विभिन्न चीनी बंदरगाहों में फंसे हुए हैं क्योंकि चीन उन्हें किनारे पर नहीं आने दे रहे हैं। इतना ही नहीं चीनी अधिकारी चालक दल को बदलने की अनुमति देने से भी इनकार कर रहा है। चीन की इस मनमानी की वजह से international flag merchant जहाजों पर काम करने वाले करीब 1500 भारतीय फंसे हुए हैं और वो वापस घर नहीं आ पा रहे हैं। हालांकि चीन के हट की वजह ऑस्ट्रेलिया को निशाना बनाना है, जिसका कोयला अब चीन में बैन कर दिया गया है। लेकिन इस वजह से बड़ी संख्या में भारतीय नाविक भी परेशान हो रहे हैं और चीन तत्काल राहत देने के मूड में नजर नहीं आ रहा है।
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इस बारे में जब पिछले हफ्ते चीन के विदेश मंत्रालय से सवाल किया गया तो उन्होंने इसे स्थानीय प्रशासन से जुड़ा मामला बता दिया। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि लोकल लेवल पर चीनी प्रशासन द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जा रही है। चीनी सरकार ने लोकल लेवल पर प्रशासन को एक ऐसी सूची दी हुई है जिनका उन्हें पालन करना है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि चीन की ये सूची इस तरह से डिजाइन की गई है कि लोग परेशान जाएं।
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आपको बता दें कि नवंबर की शुरुआत में, चीन ने महामारी के कारण भारत सहित कुछ देशों से वैध चीनी वीजा या निवास परमिट रखने वाले विदेशी नागरिकों के प्रवेश को निलंबित कर दिया था। नवंबर की 5 तारीख को भारत में चीनी दूतावास ने बयान जारी कर कहा था कि भारत में चीनी दूतावास / वाणिज्य दूतावास, वीजा या निवास परमिट के उपर्युक्त श्रेणियों के धारकों के लिए स्वास्थ्य घोषणा पत्र पर मुहर नहीं लगाएगा। हालांकि इसमें डिपलोमेट्स जैसे वीजा होल्डर्स को शामिल नहीं किया गया था।
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बयान में कहा गया था कि 3 नवंबर, 2020 के बाद जारी किए गए वीजा के साथ चीन में प्रवेश प्रभावित नहीं होता है ... निलंबन एक अस्थायी माप है जिसे चीन को मौजूदा महामारी से निपटने के लिए अपनाना होगा। बयान में ये भी कहा गया था कि परिस्थियों के हिसाब से चीन आगे और घोषणाएं करेगी। चीन ने ये फैसला 30 अक्टूबर की एयर इंडिया वंदे भारत मिशन के तहत दिल्ली-वुहान के बीच उड़ान भरने वाली फ्लाइट में 30 यात्रियों के कोरोना पॉजिटिव और 40 अन्य में कोविड एंटीबॉडीज पाए जाने पर लिया था। चीन का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हांगकांग 14 दिनों के लिए एयरलाइनों को निलंबित कर देता है यदि किसी एकल उड़ान परीक्षण पर पांच या अधिक यात्री आगमन पर सकारात्मक होते हैं। हांगकांग ने अब तक Air India को चार बार और विस्तारा को एक बार महामारी के दौरान इस वजह से रोक दिया है।