नई दिल्ली। चीन कभी LAC पर तनाव पैदा करता है तो कभी भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी में खुलासा हुआ है कि चीनी नागरिक हवाला कारोबार के जरिए भारत को करीब 1 हजार करोड़ का चूना लगाने की कोशिश में जुटे थे। 1 हजार के हवाला रैकेट का खुलासा होने के बाद चीनी नागरिक लुओ सांग को हिरासत में ले लिया गया है। लुओ सांग खुद को मणिपुर का रहने वाला बताता है।
चीनी नागरिक लुओ सांग को इनकम टैक्स विभाग ने 1 हजार के हवाला रैकेट के आरोप में हिरासत में लिया है। लुओ सांग खुद का नाम चार्ली पैंग बताता है, उसने इसी नाम से मणिपुर में पासपोर्ट, आधार कार्ड समेत कई डॉक्यूमेंट बनवा रखे हैं और वो इनका इस्तेमाल हवाला कारोबार के लिए करता है। लुओ सांग उर्फ चार्ली पैंग इनकम टैक्स विभाग के हत्थे कैसे चढ़ा वो जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
लुओ सांग उर्फ चार्ली पैंग ने शैल कंपनियों के नाम पर करीब 40 बैंक खाते खुलवाए हैं। इन खातों में करीब 1 हजार करोड़ रुपये जमा कराए गए। अबतक 5 फर्जी कंपनियों का पता चला है। फर्जी कंपनियों से भारत में रिटेल बिजनेस के लिए 100 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया गया। ये भुगतान हांगकांग और अमेरिकी करेंसी में भुगतान किया गया। लेकिन जब इन फर्जी शैल कंपनियों से लेनदेन की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को मिली तो उसने दिल्ली, गुरुग्राम और गाजियाबाद में करीब 21 जगहों पर छापेमारी की जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। इनकम टैक्स विभाग ने 21 जगह छापमामारी की, जिसमें शैल कंपनियों के पते गलत निकले हैं। इससे पहले भी चार्ली पैंग के नाम पर OTA नाम से फर्जी कंपनी रजिस्टर्ड की गई थी जिसे कस्टम विभाग ने खाली करा लिया था।
अब तक चार्ली पैंग के नाम पर रजिस्टर्ड 5 फर्जी शैल कंपनियों का पता चला है, जिनसे करीब 300 करोड़ के लेनदेन किया गया। दावा है कि पूछताछ में चीनी नागरिक चार्ली पैंग से जुड़े कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। ये पहला मौका नहीं है जब चार्ली पैंग को गिरफ्तार किया गया है बल्कि इससे पहले साल 2018 में स्पेशल सेल ने उसे हवाला रैकेट के आरोप में गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था, लेकिन सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया गया था।
1 हजार करोड़ के हवाला रैकेट पर चल रही छापेमारी को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अपनी सफाई दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि 'मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन मैं इतना ही कह सकता हूं कि भारत भेदभावपूर्ण जांच करेगा और चीन के कारोबारियों के लिए अपने देश में सामान्य व्यवहार करेगा।'
चीन अपने नागरिकों के जरिए भारत में हवाला रैकेट क्यों चला रहा है उसे समझना बेहद जरूरी है। भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव किसी से छिपा नहीं है। वहीं दूसरी तरफ दोनों देशों के बीच आर्थिक प्रतिस्पर्धा चल रही है। यही वजह है कि चीन भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए नए-नए हथकंडे आजमा रहा है। हवाला के पैसों से भारत में चीनी कंपनियों को प्रमोट करना उसका मकसद है। चीन हवाला के पैसों से भारत में आतंकवाद को बढ़ाकर पाकिस्तान की मदद करना चाहता है।