नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ से हुई फायरिंग की घटना के बाद चीनी मीडिया भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के अभियान में जुट गया है। इसी क्रम में चीनी मीडिया में तरह-तरह की खबरें प्लांट की जा रही है। भारत सरकार (विदेश मंत्रालय) की ओर से चीनी मीडिया खास तौर से चाइना डेली और ग्लोबल टाइम्स के इस अभियान की निंदा की गई है और कहा गया है कि चीन की ओर से झूठ फैलाया जा रहा है। दरअसल नेशनल सिक्यूरिटी एडवाइजर अजीत डोवल के नाम पर भी चीन की मीडिया में फैलाये जा रहे दुष्प्रचार को लेकर सरकार की ओर से टिप्पणी आई है। सरकार ने इसे चीनी मीडिया का दष्प्रचार अभियान करार दिया है।
आपको बता दें कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई ताजा झड़प के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। सोमवार को एलएसी पर सैनिकों ने एक-दूसरे को डराने और पीछे धकेलने के लिए हवा में फायरिंग करके चेतावनी दी थी। जहां चीन ने भारतीय सैनिकों पर फायरिंग कर चेतावनी देने का आरोप लगाया है। वहीं भारत ने मंगलवार को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों पर हवा में फायरिंग कर भारतीय सेना के सैनिकों को धमकाने का आरोप लगाया है। यह घटना सोमवार को पैंगोंग सो (झील) के दक्षिणी तट के करीब शेनपाओ पर्वत के पास हुई।
इसे लेकर मंगलवार को भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि चीन सीमा पर लगातार "उकसाने वाली गतिविधियां" करके तनाव बढ़ा रहा है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने ही भारतीय सैनिकों को डराने-धमकाने का प्रयास करते हुए "हवा में कुछ राउंड फायरिंग" किए थे। भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि किसी भी स्तर पर भारतीय सेना ने एलएसी पार नहीं की है और ना ही उसने गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल किया है।
सेना ने कहा है कि यह चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ही है जो "सैन्य, राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर चर्चा जारी होने के बाद भी औपचारिक रूप से समझौतों का उल्लंघन कर रही है और आक्रामक गतिविधियां कर रही है।"
कर्नल अमन ने कहा, "7 सितंबर, 2020 के तत्काल मामले में पीएलए के सैनिकों ने ही एलएसी पर हमारे सैनिकों के पास आने की कोशिश की और जब उन्हें रोका तो पीएलए के सैनिकों ने हवा में कुछ राउंड फायर कर अपने ही सैनिकों को डराने की कोशिश की।"
इनपुट-आईएएऩएस