भारत और चीनी सेना के बीच सोमवार रात हुई खूनी झड़प में चीन के 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। सूत्रों के अनुसार अपने सैनिकों के शवों को वापस लेने के लिए चीन ने सीमा पर 2 हेलीकॉप्टर भेजे। इससे पहले चीन की सेना ने भारतीय सेना और वायुसेना को इसकी जानकारी दी। चीन के दो सर्च रैस्क्यू हेलीकॉप्टर, देर रात भी लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर अपनी सीमा के अंदर मंडराते रहे। माना जा रहा है कि मारे गए चीनी सैनिकों की तादाद कम नहीं है और इसी लिए हेलीकॉप्टर उनको यहाँ से रेस्क्यू करने आया था। ये चीनी हेलिकॉप्टर का ऑपरेशन देर रात तक जारी रहा।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एलएसी पर हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए, वहीं चीन की ओर से नुकसान दोगुना हुआ। चीन के 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों को रेस्क्यू करने के लिए चीन ने 2 हेलीकॉप्टर भेजे। दोनों हेलीकॉप्टर ने बॉर्डर के नजदीक आने से पहले भारतीय सेना और वायुसेना को इन्फॉर्म किया था। चीनी सेना ने बताया था कि ये चाइना के जवानों को ले जाने के लिए लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल के बेहद नज़दीक आ रही है। ये चाइनीज़ एयर फ़ोर्स को इस बात का श़क था कि कहीं हिट ओफ वार में भारतीय सेना कोई कार्रवाई न कर दे।
गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से चल रहे गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच सेना और डिप्लेमैटिक स्तर पर भी बातचीत चल रही थी। सेना के कमांडर लेवल के अधिकारियों के बीच भी वार्ता हुई थी और चीन के सैनिकों का पीछे हटना भी शुरू हुआ था।