नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच LAC पर बढ़ते तनाक के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने चीन पर डिजिटल स्ट्राइक करते हुए टिक टॉक सहित 59 चायनीज मोबाइल एप भारत में प्रतिबंधित कर दिए हैं। सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर मोदी सरकार ने देश की आतंरिक सुरक्षा के मद्देनगर बड़ा फैसला लेते हुए चाइनीज एप्स को बैन करने का फैसला लिया है। हम आपको बता रहे हैं आखिर चाइनीज ऐप आपके लिए क्यों खतरनाक हैं और आपको कैसे नुकसान पहुंचाते हैं।
दरअसल, चीनी मोबाइल ऐप्लिकेशन बनाने वाली कंपनियों के लिए भारत एक उभरता हुआ मार्केट है, जिसका चीन पूरा फायदा उठाना चाहता है। हालांकि इन ऐप्स का इस्तेमाल आपके लिए 'खतरनाक' साबित हो सकता है। क्योंकि कई बार इनसे आपका डेटा लीक होने का खतरा बना रहता है। देखने में आया है कि अधिकतर चाइनीज ऐप्स लोकेशन का ऐक्सेस मांगती हैं। एक इनफॉर्मेशन सिक्यॉरिटी फर्म की स्टडी में इस बात का खुलासा किया गया है कि Helo, Shareit और UC ब्राउजर जैसे 10 में से 6 पॉप्युलर चाइनीज ऐप्स यूजर्स से कैमरा और माइक्रोफोन का ऐक्सेस मांगते हैं, जबकि इन ऐप्स में इस तरह के ऐक्सेस का कोई काम नहीं है।
एक इनफॉर्मेशन सिक्यॉरिटी फर्म की स्टडी में इस बात का खुलासा किया गया है कि Helo, Shareit और UC ब्राउजर जैसे 10 में से 6 पॉप्युलर चाइनीज ऐप्स यूजर्स से कैमरा और माइक्रोफोन का ऐक्सेस मांगते हैं, जबकि इन ऐप्स में इस तरह के ऐक्सेस का कोई काम नहीं है। पुणे की Arrka Consulting के सह-संस्थापक संदीप राव के मुताबिक, यह दुनिया की टॉप-50 ऐप्स द्वारा मांगी गई परमिशन से भी 45 फीसदी ज्यादा है।
एक स्टडी से पता चला है कि ये एप्स यूजर्स का डेटा करीब 7 विदेशी एजेंसियों को ट्रांसफर करते हैं। इसमें कहा गया है कि 69 फीसदी डेटा यूएस ट्रांसफर किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, टिकटॉक अपना डेटा चाइना टेलिकॉम को भेजता है, वहीं वीगो विडियो अपना डेटा Tencent, ब्यूटीप्लस अपना डेटा Meitu और QQ व UC ब्राउजर डेटा को अपनी पैरंट कंपनी Alibaba तक पहुंचाते हैं।
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भारत सरकार ने टिकटॉक, VIGo, यूसी ब्राउजर, BIGO Live, WE MEET, शेयर इट, Clash of King समेत कुल 59 चाइनीज एप शामिल हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार से कहा था कि या तो चीन से जुड़े 52 मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया जाए या लोगों को इनका इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाए, क्योंकि इनका इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है। ये एप बड़े पैमाने पर डेटा को भारत से बाहर भेज रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को जो लिस्ट भेजी थी उसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम, टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, एक्सएंडर, शेयर इट और क्लीन मास्टर जैसे एप शामिल थीं।
बैंक अकाउंट पर भी लगाते हैं सेंध
हाल ही में आई Upstream की रिपोर्ट के मुताबिक पॉप्युलर चाइनीज ऐप Snaptube पर यूजर्स को चूना लगाने के आरोप लगे हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि यह ऐप बिना परमिशन के ही यूजर्स को प्रीमियम सर्विस के लिए साइन-अप कर देता है। साथ ही विज्ञापनों को डाउनलोड और क्लिक भी करा देता है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 7 करोड़ से ज्यादा फ्रॉड ट्रांजेक्शन स्नैपट्यूब के जरिए की गई थीं।
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कई न्यूज ऐप पर भी जासूसी का आरोप
रिपोर्ट में जिन ऐप्स की लिस्ट जारी की गई है उनमें कई न्यूज ऐप भी शामिल हैं। ये न्यूज ऐप iOS यूजर्स के क्लिपबोर्ड के सेव्ड डेटा पर नजर रखते हैं जिसस यूजर्स का सेंसिटिव डेटा खतरे में पड़ सकता है। इन न्यूज ऐप्स में दुनिया भर के कई बड़े ब्रैंड्स शामिल हैं।
इन चाइनीज एप्स को भारत में किया गया है बैन
Weibo, WeChat, SHAREit, UC News, UC Browser, BeautyPlus, NewsDog, VivaVideo- QU Video Inc, Parallel Space, APUS Browser, Perfect Corp, Virus Cleaner (Hi Security Lab), CM Browser, Mi Community, DU recorder, Vault-Hide, YouCam Makeup, Mi Store, CacheClear DU apps studio, DU Battery Saver, DU Cleaner, DU Privacy, 360 Security, DU Browser, Clean Master – Cheetah Mobile, Baidu Translate, Baidu Map, Wonder Camera, ES File Explorer, Photo Wonder, QQ International, QQ Music, QQ Mail, QQ Player, QQ NewsFeed, WeSync, QQ Security Centre, SelfieCity, Mail Master, Mi Video call-Xiaomi, and QQ Launcher.