नई दिल्ली: चाइनीज ऐप के जरिए करीब पांच लाख लोगों से 200 करोड़ की ठगी मामले की जांच में यह पता चला है कि इन लोगों ने जेम्स, जस्टिस, कूपर जैसे इंग्लिश नामों के जरिए भारत में अपना बिजनेस स्थापित किया था। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल लगातार इस मामले की जांच में लगी है ताकि चाइनीज नेशनल की पहचान की जा सके और उन तक पहुंचा जा सके। दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के सूत्रों से इंडिया टीवी को चाइनीज नेशनल्स के वो नाम पता लगे है जिन नाम का इस्तेमाल करके ये भारत मे रह रहे थे।
चाइनीज ऐप्स का कारोबार चलाने वालों में जो चाइनीज नेशनल शामिल थे वे 2020 में लॉकडाउन लगने से पहले से ही यहां रह रहे थे। ये लोग अपने चाइनीज नाम की जगह इंग्लिश नाम से रह रहे थे। अपने इंग्लिश नामों की पहचान से इन्होंने गुरुग्राम में चार्टेड एकाउंटेंट्स से मुलाकात की। इसके बाद इन लोगों ने फर्जी कंपनी बनवाई, डायरेक्टर्स बनवाए और धोखाधड़ी के इस कारोबार को शुरू किया।
इन नामों से भारत में रह रहे थे चीनी नागरिक
- 1- Tony shen (टॉनी चाइनीज नेशनल है और इस नाम के जरिए ये चार्टेड एकाउंटेंट्स से मिला और कंपनी सेटअप करवाई)
- 2 - kuper (कूपर)
- 3-james (जेम्स)
- 4 - justin (जस्टिन)
- 5 - Fiona (फियोना, चाइनीज महिला नेशनल)
- 6 - Aimie (चाइनीज महिला नेशनल)
- 7 - Alice (चाइनीज महिला नेशनल)
ये 7 लोग चाइनीज नागरिक हैं, जो इंग्लिश नामों के जरिए भारत मे 2020 से पहले रह रहे थे। लॉकडाउन से पहले 2020 में ये स्पेशल फ्लाइट्स से वापस चीनचले गए। इन सातों ने मिलकर सभी चाइनीज ऐप्स के काम को भारतीयों की मदद से स्थापित किया। इस दौरान पांच लाख लोगों से करीब 200 करोड़ की ठगी की गई। अबतक कि जांच में यह पता चला है कि जिप्टो अमाउंट करीब 15 से 20 करोड़ चाइना भेजा जा चुका था। अभी इनके असली नाम और एड्रेस काम इनकी चेन सब खंगालने में दिल्ली पुलिस की साइबर टीम लगी है।
आपको बता दें कि इस मामले में अबतक 2 चार्टेड एकाउंटेंट समेत 12 लोगों को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। इन लोगों में कुछ कर्मचारी और सिम बाहर भेजने वाले भी शामिल हैं।