नई दिल्ली: चीन विवाद पर एयरफोर्स चीफ ने बड़ा बयान दिया है। हैदराबाद में वायुसेना की पासिंग आउट परेड में आर के एस भदौरिया ने कहा कि चीन की हरकत मंजूर नहीं की जा सकती, गलवान घाटी में हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि हम बातचीत से विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं।
इस दौरान उन्होंने भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए जवानों को याद करते हुए कहा, "कृपया कर्नल संतोष बाबू और उनके बहादुर लोग जिन्होंने गलवान घाटी में बलिदान दिया को श्रद्धांजलि देने में मेरे साथ शामिल हों। ये चुनौतीपूर्ण स्थितियों में वीरता से किसी भी कीमत पर भारत की संप्रभुता की रक्षा करने के हमारे संकल्प को प्रदर्शित करता है।"
इससे पहले वायुसेना प्रमुख ने बढ़े तनाव के बीच तैयारियों का जायजा लेने के लिए लेह और श्रीनगर का दो दिवसीय दौरा किया। वायुसेना ने चीन से लगी 3500 किलोमीटर की सीमा के पास अपने सभी अग्रिम बेस को हाई अलर्ट पर रखा है और झड़प के बाद तैयारियों के तहत लड़ाकू विमान और अन्य जंगी हेलिकॉप्टर जैसे अतिरिक्त संसाधनों को तैनात किया है।
एयर चीफ मार्शल भदौरिया बुधवार को वायु सेना के लेह बेस पर पहुंचे, जहां उन्होंने पूर्वी लद्दाख में संवेदनशील सीमाई क्षेत्रों की हिफाजत में जुटे बल की तैयारियों की समीक्षा की। लेह से वह बुधवार को एक दिन के दौरे पर श्रीनगर गए जहां उन्होंने वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें की। वायु सेना पिछले तीन दिन में लेह और श्रीनगर सहित वायु सेना के महत्वपूर्ण बेस के लिए सुखोई 30 एमकेएल, जगुआर, मिराज 2000 विमान, अपाचे जंगी हेलिकॉप्टर तथा अन्य संसाधनों को भेज चुकी है।