नयी दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को कहा कि पिछले छह महीने में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चीन की कार्रवाइयों का परिणाम है क्योंकि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को ‘एकतरफा ढंग से बदलने’ की कोशिश की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में यह बात तब कही जब उनसे चीनी विदेश मंत्रालय की उन ताजा टिप्पणियों के बारे में पूछा गया जिनमें उसने पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था।
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमारा रुख बहुत ही स्पष्ट रहा है, जिसे अतीत में कई बार बयां किया गया है। पिछले छह महीने से हम जो हालात देख रहे हैं, वह चीनी पक्ष की कार्रवाइयों का परिणाम है जिसने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर स्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव करने की कोशिश की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये (चीनी) कार्रवाई, भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में एलएसी पर शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए किए गए द्विपक्षीय संबंधों तथा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।’’ बता दें कि चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के लिए बृहस्पतिवार को एक बार फिर भारत को जिम्मेदार ठहराया था।
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमने चीन के उस बयान का संज्ञान लिया है, जिसमें उसने कहा था कि वह द्विपक्षीय समझौतों का कड़ाई से पालन करता है और सीमा मुद्दे का समाधान वार्ता के जरिए निकालने को प्रतिबद्ध है तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता की हिफाजत कर रहा है। हम उम्मीद करते हैं चीनी पक्ष अपनी कही बात के अनुरूप कार्य भी करेगा।’’
पूर्वी लद्दाख में मई महीने से ही भारत और चीन की सेनाएं तैनात हैं। दोनों पक्षों ने कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता की है लेकिन सीमा गतिरोध दूर करने में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य माध्यमों से संवाद जारी रखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि आगे की चर्चा में पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी से लगे टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह से हटाए जाने को सुनिश्चित करने के लिए एक परस्पर स्वीकार्य समाधान पर सहमति बनाने में तथा यथाशीघ्र शांति एवं स्थिरता बहाल करने में दोनों पक्षों को मदद मिलेगी।’’