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पाक-चीन की सांठगांठ पर सेना का बड़ा बयान, कहा- ये दोनों भारत के लिए बड़ा खतरा

उप प्रमुख ने बताया कि भारत के दो पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन पिछले कुछ दिनों से सुर में सुर मिलाकर बात कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि चीन भविष्य में भारत के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

Written by: India TV News Desk
Published : July 25, 2017 14:54 IST
Vice Chief of Army Staff
Vice Chief of Army Staff

नई दिल्ली: डोकलाम मुद्दे पर भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच भारतीय सेना ने बड़ा बयान दिया है। भारतीय सेना ने चीन को भविष्य के लिए बड़ा खतरा बताया है। साथ ही चीन और पाकिस्तान की सांठगांठ को लेकर भी सावधान रहने की बात कही। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने कहा कि चीन-पाकिस्तान की सांठगांठ से भारत को खतरा है। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस

उन्होंने दिल्ली में सीआईआई सेमिनार के दौरान कहा कि सेना प्रमुख ने ढाई मोर्चे पर युद्ध की जो बात कही थी वह सिर्फ युद्ध का माहौल बनाने के लिए नहीं था, बल्कि उन्होंने सही बयान दिया था। उप प्रमुख ने बताया कि भारत के दो पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन पिछले कुछ दिनों से सुर में सुर मिलाकर बात कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि चीन भविष्य में भारत के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

क्या है डोकलाम विवाद?

दोनों देशों के बीच सिक्किम क्षेत्र में बढ़ते तनातनी का मुख्‍य वजह भारतीय जमीन के उस टुकड़े को माना जा रहा है जिसे 'चिकन नेक' के नाम से जाना जाता है। चीन, भारत को इस क्षेत्र में घेरना चाहता है इसलिए वह सिक्किम-भूटान और तिब्‍बत के मिलन बिंदु स्‍थल (डोका ला) तक एक सड़क का निर्माण करने की कोशिश कर रहा है जिस पर भारत को आपत्ति है। इस सड़क का निर्माण वह भूटान के डोकलाम पठार में कर रहा है।

'चिकन नेक' का अर्थ है मुर्गे की गर्दन और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लेकिन कमज़ोर क्षेत्रों को 'चिकन नेक' के नाम से जाना जाता है।

क्यों अहम है डोकलाम का पठार?

269 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल का यह इलाका भारत,चीन और भूटान की सीमाओं के पास है। यही वह इलाका है जहां तीनों देशों की सीमाएं मिलती हैं। 1914 की मैकमोहन रेखा के मुताबिक यह इलाका भूटान के अधिकार में है। जबकि चीन इस लाइन को मानने से ही इनकार करता है। और वक्त-वक्त पर उसके सैनिक भूटान की सीमा का अतिक्रमण करते रहते हैं।

डोकलाम के पठार की रणनीतिक रूप से इस इलाके में बेहद अहमियत है। चंबी घाटी से सटा हुआ होने के चलते चीन इस पठार पर अपनी सैन्य पोजीशन को मजबूत करना चाहता है। चीन की कोशिश है कि इस इलाके में सड़कों का जाल बिछाया जाए ताकि भारत के साथ युद्ध की स्थिति में जल्द से जल्द इस इलाके में सैन्य मदद पहुंचाई जा सके। डोकलाम के पठार पर चीन की इसी मंशा ने भारत को सख्त रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया है।

चुंबी घाटी का चक्‍कर

रक्षा जानकारों के मुताबिक चुंबी घाटी में चीन की गतिविधियां भारत के लिए चिंता का सबब है। यह मानचित्र में हंसिए की तरह का हिस्‍सा है जो भारत के चिकन नेक से ठीक ऊपर स्थित है। अभी इस क्षेत्र में भू-सामरिक लिहाज से भारत बेहतर स्थिति में है लेकिन डोकलाम से डोका ला तक सड़क निर्माण कर चीन, इन देशों के मिलन बिंदु स्‍थल तक पहुंचकर भारत को घेरना चाहता है।

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