नई दिल्ली: चीन ने गलवान घाटी में अप्रैल 2020 के यथास्थिति को मानते हुए पीछे हटने का फैसला लिया और फिलहाल पेट्रोलिंग प्वॉइंट 14 से अपने सारे स्ट्रक्चर और गाड़ियों को हटा लिया है। वहीं पेट्रोलिंग प्वॉइंट 15 पर चीन ने लगभग अपनी बीस टेंट और करीब 200 जवानों को पीछे किया है। चीन ने यहां पर अपने इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल और आर्टिलरी गन को भी पीछे किया है। इंडिया टीवी के पास घाटी की चार तस्वीरें हैं जिसमें साफ़ दिख रहा है कि जब चीनी सैनिकों ने टेंट और स्ट्रक्चर बनाने की कोशिश की तब भारतीय सेना के जवानों ने इसका विरोध किया और फिर चीनी सैनिकों को खदेड़ा दिया।
ये तस्वीरें पेट्रोलिंग पॉइंट 14 की हैं। इंडिया टीवी को इस बात की जानकारी मिली है कि 15 और 16 जून के बाद भारतीय सेना ने अपनी तैनाती यहां पर बढ़ायी थी क्योंकि चीन की विस्तारवादी नीति के तहत चीन वाइ पोज़ीशन को पार करते हुए आगे आना चाहता था। एक तस्वीर में साफ़ दिख रहा है कि जब चीनी सैनिकों ने टेंट और स्ट्रक्चर बनाने की कोशिश की तब भारतीय सेना के जवानों ने इसका विरोध किया और फिर चीनी सैनिकों को खदेड़ा दिया।
दूसरी तस्वीर में टेंट दिखाई दे रहा है। अप्रैल 2020 के स्टेटस को के मुताबिक़ चीनी सैनिक यहां पर कुछ भी निर्माण नहीं कर सकती क्योंकि ये भारत की ज़मीन है और चीन की कंट्रोल लाइन या फिर लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल से आगे है। हालांकि चीन का ये कहना है कि ये चीन का इलाक़ा है लेकिन भारतीय सेना इसे ख़ारिज करती है। चीन ने इस जगह से अपनी पूरी जवानों की संख्या भी हटा ली है। उसके बावजूद भी भारतीय सेना पूरी सतर्कता बरत रही है।
तीसरी तस्वीर में गलवान नाले का तेज प्रवाह दिखाई दे रहा है और साथ में भारतीय सेना के दो जवान एक लोहे का प्लेट लेकर इस बहाव के बीचो बीच दिखाई दे रहे हैं। दरअसल यह एक रीडर ब्रिज है जो इस नदी के तेज बहाव को पार करने के लिए लगाया गया था लेकिन चीनी सैनिकों ने इसे तोड़ दिया। भारतीय सेना ने इसे रोका भी लेकिन उसके बावजूद भी वो नहीं माने।
इंडिया टीवी को इस बात की भी जानकारी मिली है कि अब चीनी सेना पीछे हट गई है और तेज बहाव की वजह से इसे चीनी सैनिकों के लिए रोकना नामुमकिन हो गया है। इंडिया टीवी को यह भी जानकारी मिली है कि अगले 2-3 दिन के अंदर गलवान के पूरे इलाक़े से पीछे हटकर चीन अप्रैल 2020 के यथास्थिति को मेंटेन करने वाली जगह पर चला जाएगा।चीन ने अपने सैनिकों को भी स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोई भी भारत के प्रति उग्र रवैए का इस्तेमाल नहीं करेगा।