नई दिल्ली. लद्दाख में गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग इलाके में चीनी सेना पीछे हटी है। चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों देशों को एक दूसरे के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। मौजूदा हालात में दोनों देशों को साथ मिलकर हल निकालना चाहिए। दोनों देशों को साथ मिलकर इस संकट को दूर करने के लिए काम करना चाहिए। चीन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष से दोनों देशों के नेताओं द्वारा पहुंची गई महत्वपूर्ण सहमति का पालन करने के लिए सहमत हैं और मानते हैं कि सीमा क्षेत्र में शांति और शांति कायम रखना द्विपक्षीय संबंधों के दीर्घकालिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। चीन ने कहा है कि सीमा विवादों में मतभेद बढ़ने से बचने के लिए द्विपक्षीय संबंधों में उचित स्थिति में रखा जाना चाहिए।
गलवान घाटी में विवाद के बिन्दु से चीन के पीछे हटने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर झाओ ने कहा, ‘‘अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक पीछे हटने और तनाव कम करने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं और इस दिशा में प्रगति हुई है।’’ उन्होंने कहा कि चीनी और भारतीय पक्ष ने 30 जून को कमांडर स्तर की वार्ता की और दोनों पक्ष बातचीत के पहले दो दौर में बनी सहमति को क्रियान्वित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। झाओ ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष चीन की तरफ हाथ बढ़ाएगा और ठोस कार्रवाई के माध्यम से सहमित को क्रियान्वित करेगा तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव कम करने के लिए सैन्य तथा कूटनीतिक तंत्रों के माध्यम से करीबी संपर्क जारी रखेगा।’’
फोन पर हुई डोभाल और वांग यी की बात
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सीमा मुद्दे पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से रविवार को टेलीफोन पर बात की। दोनों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में हालिया घटनाक्रमों पर खुलकर बात की और व्यापक तौर पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
डोभाल और वांग इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय संबंधों में विकास के लिए शांति और स्थिरता की बहाली आवश्यक है और शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा से सैनिकों का पूरी तरह पीछे हटना सुनिश्चित करना आवश्यक है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि दोनों लीडर्स में यह सहमति बनी की दोनों पक्षों को भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में तनाव कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कदम उठाना सुनिश्चित करना चाहिए। टेलीफोन पर हुई वार्ता में डोभाल और वांग ने पुन: दोहराया कि दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का पूर्ण सम्मान करना चाहिए।
डोभाल और वांग ने पुन: दोहराया कि एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के लिए कोई एकतरफा कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। दोनों पक्षों में इस बात पर सहमति बनी कि सीमा मुद्दे पर दो विशेष प्रतिनिधि अपनी चर्चा जारी रखेंगे और दोनों पक्ष मतभेदों को विवाद में तब्दील न होने दें।
With inputs from Bhasha