नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर अरुणाचल प्रदेश गए थे जहां उन्होंने तीन राज्यों मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक जनसभा को भी संबोधित किया लेकिन चीन को यह दौरा हजम नहीं हुआ। ड्रैगन ने पीएम मोदी के अरूणाचल प्रदेश दौरे का ‘‘कड़ा विरोध’’ किया है, जिसे वह दक्षिणी तिब्बत बताता है। चीन ने कहा कि वह भारत के साथ राजनयिक विरोध दर्ज कराएगा। मोदी के आज अरूणाचल दौरे की खबरों के बारे में पूछने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुयांग ने कहा, ‘‘चीन-भारत सीमा के सवाल पर चीन का रूख नियमित एवं स्पष्ट है।’’ सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने गेंग के हवाले से खबर दी, ‘‘चीन की सरकार ने कभी भी तथाकथित अरूणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी और वह भारतीय नेताओं के विवादित इलाके के दौरे का पूरी तरह विरोध करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीय पक्ष के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराएंगे।’’ गेंग ने कहा कि विवादों का उचित तरीके से प्रबंधन करने के लिए भारत और चीन के बीच महत्वपूर्ण आम सहमति है और दोनों पक्ष बातचीत और विचार-विमर्श के जरिये जमीन विवाद सुलझाने पर काम कर रहे हैं। गेंग ने कहा, ‘‘चीनी पक्ष भारतीय पक्ष से आग्रह करता है कि इसकी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करें और उपयुक्त सहमति का पालन करें और ऐसा कोई काम करने से बचें जिससे सीमा विवाद और जटिल हो जाए।’’
शिन्हुआ से उन्होंने कहा, ‘‘भारत और चीन के बीच अवैध मैकमोहन रेखा और परंपरागत सीमा के बीच स्थित ये तीन इलाके हमेशा से चीन का हिस्सा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि ब्रिटेन द्वारा 1914 में खींची गई मैकमोहन रेखा इन इलाकों को भारतीय क्षेत्र में शामिल करने का प्रयास था। चीन अरूणाचल प्रदेश में भारतीय नेताओं के दौरे का नियमित रूप से विरोध करता है और राज्य पर अपना दावा करता है। भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर विवादित क्षेत्र है। दोनों पक्षों के बीच मुद्दे के समाधान के लिए विशेष प्रतिनिधि के माध्यम से अभी तक 20 दौर की वार्ता हो चुकी है।
बता दें कि अपने अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान गरीबों के पैसे का दुरुपयोग हुआ। त्रिपुरा में 18 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। मोदी ने एक रैली में कहा, "हमारे देश में पैसे का अकाल कभी नहीं था। लेकिन, जब बाल्टी में छेद होगा तो पानी टपकेगा ही। यह हालात हमारे देश में पहले रहे हैं।" राज्य में हिंदी भाषी लोगों के बहुसंख्या में होने की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में जहां एक राज्य ऐसा है जहां हिंदी बड़े पैमाने पर बोली जाती है तो वह है 'मेरा अरुणाचल।'