बीजिंग. भारत की राजधानी में स्थित चीन के दूतावास के सामने ताइवान के नेशनल डे के होर्डिंग लगाए गए हैं। ये होर्डिंग भारतीय जनता पार्टी के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने लगवाए हैं। ये होर्डिंग्स लद्दाख में पहले से जारी विवाद के बीच लगाए गए हैं, जिसके बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक आर्टिकल में विश्लेषकों के हवाले से कहा गया कि इन होर्डिंग्स की वजह से भारत और चीन के संबंधों में और खटास आ सकती है। होर्डिंग्स की वजह से बौखलाए चीन ने इस आर्टिकल के जरिए गीदड़भभकी दिखाते हुए कहा कि भारत को आग से खेलना बंद कर देना चाहिए।
आपको बता दें कि लद्दाख विवाद के बाद से ही सोशल मीडिया पर ताइवान और भारत के आम नागरिकों को चीन के खिलाफ एक दूसरे का समर्थन करते देखा जा सकता है। ताइवान के कई नेता भी खुलकर भारत का समर्थन कर चुके है। भारत के ज्यादातर मीडिया संस्थानों ने भी ताइवान नेशनल डे मनाने को लेकर ताइवान का समर्थन किया है।
हाल ही में भारत स्थित चीनी दूतावास ने भारतीय मीडिया को मेलकर ताइवान को लेकर एक पत्र लिखकर कहा था कि ताइवान चीन का ही हिस्सा है, इसलिए चीन के ही आधिकारिक बयान को मानें जबकि भारत के ताइवान से पहले से ही अच्छे संबंध हैं। चीन ताइवान को मान्यता नहीं देता है। भारत में ताइवान के बढ़ते समर्थन से बौखलाए चीन ने ग्लोबल टाइम्स के जरिए कहा कि इससे दोनों देशों के संबंधों में खराब असर पड़ेगा।
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Shanghai Institute for International Studies स्थित Center for Asia-Pacific Studies के डॉयरेक्टर Zhao Gancheng ने कहा कि भारत वन चाइना पॉलिसी को चैलेंज कर आग से खेल रहा है। चीन की नापाक हरकतों पर पर्दा डालते हुए और उल्टा भारत पर आरोप लगाते हुए Zhao Gancheng ने आगे कहा कि भारत एक अच्छे पड़ोसी को खुद से दूर कर रहा है। भारत को धमकी देते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारत को आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर आर्थिक और लोगों के बीच होने वाले आदान-प्रदान से संबंधित नुकसान झेलने पड़ें।
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ग्लोबल टाइम्स ने आगे कहा कि भारत की सत्ता में काबिज राष्ट्रवादी बीजेपी ने भारत-चीन संबंधों की परवाह न करते हुए चीन के सवाल को उठाया है। आर्किटल में आगे कहा गया कि भारत सोचता है कि ताइवान का मुद्दा उठाकर भारत के साथ समझौता कर लेगा लेकिन चीन को ये बिलकुल स्वीकार नहीं है।
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LAC पर भारतीय सेना के हाथों मुंह की खाने के बाद और भारत सरकार के कड़े रवैये से खिसियाए चीनी के अखबार ने भारत पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय पक्ष की तरफ से न तो LAC पर सेना कम की जा रही है और न ही मॉस्को में हुए 5 बिंदु वाले समझौते का पालन किया जा रहा है। आर्टिकल में कहा गया कि इसके उलट भारत LAC पर अपनी फौज बढ़ाता ही जा रहा था।